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Gyanvapi Case: शिवलिंग आकृति की कार्बन डेटिंग के मामले में जवाब के लिए HC ने ASI को दी 8 हफ्ते की मोहलत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग आकृति की कार्बन डेटिंग के माध्यम से साइंटिफिक सर्वे के मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया गुरुवार को जवाब नहीं दाखिल कर सकी.

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Published : Jan 19, 2023, 6:55 PM IST

प्रयागराज/वाराणसी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग आकृति की कार्बन डेटिंग के माध्यम से साइंटिफिक सर्वे के मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया गुरुवार को जवाब नहीं दाखिल कर सकी. एएसआई ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से और वक्त दिए जाने की मांग की. कोर्ट ने एएसआई को जवाब के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है. साथ ही वाराणसी जिला जज की अदालत में चल रहे राखी सिंह के मुकदमे की सुनवाई पर 20 मार्च तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने वाराणसी की अदालत को 20 मार्च के बाद ही सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने याचियों से यह पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है या नहीं. लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से ज्ञानवापी परिसर में कमीशन कार्यवाही के दौरान मिली शिवलिंग आकृति का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराने की मांग को लेकर यह याचिका दाखिल की गई है. 16 मई 2022 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान वहां शिवलिंग आकृति पाई गई थी. जिला जज की अदालत से इसकी कार्बन डेटिंग की अनुमति नहीं दिए जाने के आदेश के बाद यह याचिका दाखिल की गई है. गौरतलब है कि जिला जज वाराणसी ने 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी. आशंका व्यक्त की गई थी कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग आकृति को नुकसान हो सकता है. हाईकोर्ट ने एएसआई से पूछा था कि बिना नुकसान पहुंचाए हुए कार्बन डेटिंग की जा सकती है या नहीं. मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.

ज्ञानवापी मामले में एक प्रकरण पर नहीं हो सकी सुनवाई
वाराणसी की कोर्ट में ज्ञानवापी मामले को लेकर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग सुनवाई जारी है. आज दो अलग-अलग प्रकरण पर सुनवाई होनी थी जिसमें से एक मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी, जबकि दूसरे प्रकरण पर बहस जारी रही और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से दायर याचिका पर अदालत ने बहस पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. पहली सुनवाई वादी पक्ष की 4 महिलाओं की तरफ से सभी मुकदमों को एक ही जगह एक ही कोर्ट में सुनने को लेकर होनी थी जो किन्हीं कारणों से जिला जज अदालत में नहीं हो सकी जबकि एक अन्य अदालत में अखिलेश यादव ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर बहस आगे बढ़ी और इस पर सुनवाई जारी रहेगी. श्रृंगार गौरी के नियमित-पूजन की मांग करने वाली चार महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को एक ही अदालत में सुनने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी. जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तिथि मुकर्रर की है.

वहीं, उधर ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर अपने बयान से हिंदुओं की भावना आहत करने के आरोप में अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने की मागं को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से मौजूद अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने उनकी ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने की अदालत से अपील की. श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत द्वारा हरिशंकर पांडेय का प्रार्थना पत्र सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए जाने पर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पक्ष रखने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. बहस सुनने के पश्चात अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

ये भी पढ़ें: फिल्मों पर अब चलेगी धर्म सेंसर बोर्ड की कैंची, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने किया एलान, देखें बोर्ड की गाइडलाइन

प्रयागराज/वाराणसी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग आकृति की कार्बन डेटिंग के माध्यम से साइंटिफिक सर्वे के मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया गुरुवार को जवाब नहीं दाखिल कर सकी. एएसआई ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से और वक्त दिए जाने की मांग की. कोर्ट ने एएसआई को जवाब के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है. साथ ही वाराणसी जिला जज की अदालत में चल रहे राखी सिंह के मुकदमे की सुनवाई पर 20 मार्च तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने वाराणसी की अदालत को 20 मार्च के बाद ही सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने याचियों से यह पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है या नहीं. लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से ज्ञानवापी परिसर में कमीशन कार्यवाही के दौरान मिली शिवलिंग आकृति का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराने की मांग को लेकर यह याचिका दाखिल की गई है. 16 मई 2022 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान वहां शिवलिंग आकृति पाई गई थी. जिला जज की अदालत से इसकी कार्बन डेटिंग की अनुमति नहीं दिए जाने के आदेश के बाद यह याचिका दाखिल की गई है. गौरतलब है कि जिला जज वाराणसी ने 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी. आशंका व्यक्त की गई थी कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग आकृति को नुकसान हो सकता है. हाईकोर्ट ने एएसआई से पूछा था कि बिना नुकसान पहुंचाए हुए कार्बन डेटिंग की जा सकती है या नहीं. मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.

ज्ञानवापी मामले में एक प्रकरण पर नहीं हो सकी सुनवाई
वाराणसी की कोर्ट में ज्ञानवापी मामले को लेकर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग सुनवाई जारी है. आज दो अलग-अलग प्रकरण पर सुनवाई होनी थी जिसमें से एक मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी, जबकि दूसरे प्रकरण पर बहस जारी रही और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से दायर याचिका पर अदालत ने बहस पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. पहली सुनवाई वादी पक्ष की 4 महिलाओं की तरफ से सभी मुकदमों को एक ही जगह एक ही कोर्ट में सुनने को लेकर होनी थी जो किन्हीं कारणों से जिला जज अदालत में नहीं हो सकी जबकि एक अन्य अदालत में अखिलेश यादव ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर बहस आगे बढ़ी और इस पर सुनवाई जारी रहेगी. श्रृंगार गौरी के नियमित-पूजन की मांग करने वाली चार महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को एक ही अदालत में सुनने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी. जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तिथि मुकर्रर की है.

वहीं, उधर ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर अपने बयान से हिंदुओं की भावना आहत करने के आरोप में अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने की मागं को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से मौजूद अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने उनकी ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने की अदालत से अपील की. श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत द्वारा हरिशंकर पांडेय का प्रार्थना पत्र सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए जाने पर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पक्ष रखने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. बहस सुनने के पश्चात अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

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