प्रयागराज : गौ हत्या के मामलों में बढ़ोतरी और उनसे संबंधित मुकदमों की लचर विवेचना को लेकर पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा की ओर से दाखिल हलफनामे पर हाईकोर्ट ने असंतोष जताया है. कोर्ट ने उनको सभी जानकारी के साथ बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह की और मोहलत दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने 30 नवंबर को गृह सचिव को तलब करने संबंधी अपने आदेश को वापस ले लिया है.
प्रदेश सरकार की ओर से इस आदेश को वापस लेने के लिए रिकॉल अर्जी दाखिल की गई थी. इस पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति शेखर यादव ने अपना पूर्व का आदेश वापस ले लिया. राज्य सरकार की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया था कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 30 नवंबर को पुलिस कमिश्नर प्रयागराज ठीक समय पर हाईकोर्ट पहुंच गए थे, मगर सुबह 10:20 पर जब वह कोर्ट में पहुंचे तो पता चला कि मामले की सुनवाई हो चुकी है, आदेश भी पारित हो चुका है. कमिश्नर की ओर से बिना शर्त माफी मांगी गई. इसे स्वीकार करते हुए अदालत में अपना आदेश वापस ले लिया.
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर की ओर से दाखिल हलफनामे पर असंतोष जताया. इससे पूर्व के आदेश में अदालत में प्रदेश में गौ हत्या के मामलों की पूरी जानकारी देने, प्रयागराज में दर्ज मुकदमों की विवेचना की स्थिति आदि के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. कमिश्नर की ओर से दाखिल हलफनामे में मांगी गई सभी जानकारियां नहीं थीं. राज्य सरकार की ओर से उपस्थित हुए अपर महाधिवक्ता पीके गिरी ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का और समय दिए जाने का कोर्ट से अनुरोध किया. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दी है. अगली सुनवाई पर कमिश्नर प्रयागराज को व्यक्तिगत हाजिरी से छूट भी दे दी है.
यह भी पढ़ें : कॉलेज में बैडमिंटन खेलते-खेलते अचानक गिरी BSc की छात्रा, मौत: हार्ट अटैक की आशंका