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नवविवाहिता की मौत का मामला, SP जालौन को बिसरा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश - एसपी जालौन को बिसरा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

एक नवविवाहिता की मौत के मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी जालौन से कहा कि वह मृतका का बिसरा जांच के लिए फॉरेंसिंग लैब आगरा को भेजें. कोर्ट ने लैब को भी छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एसपी को सुपुर्द कर देने का निर्देश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 15, 2020, 8:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवविवाहिता की मौत के मामले में बिसरा जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एसपी जालौन से कहा है कि वह मृतका का बिसरा जांच के लिए फॉरेंसिंग लैब आगरा को भेजें. कोर्ट ने लैब को भी छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एसपी को सुपुर्द कर देने का निर्देश दिया है.

बॉबी सिंह उर्फ साहिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश समित गोपाल की खंडपीठ ने दिया है. याची अधिवक्ता का दावा था कि नवविवाहिता की मौत कोरोना से हुई थी. कोरोना मृतकों की सूची में उसका नाम प्रशासन ने दर्ज किया है, लेकिन शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि जब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक इसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जा सकता, क्योंकि नवविवाहिता के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध मैसेज से स्पष्ट है कि पति उसे क्रूरतम मानसिक प्रताड़ना देता था. उसकी मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है, जिसे अप्राकृतिक मौत की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे से यह जानकारी मिली कि अब तक बिसरा की जांच नही की गई, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जालौन एसपी को छह सप्ताह में बिसरा जांच की रिपोर्ट के साथ नौ फरवरी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इस मामले में पति व ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवविवाहिता की मौत के मामले में बिसरा जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एसपी जालौन से कहा है कि वह मृतका का बिसरा जांच के लिए फॉरेंसिंग लैब आगरा को भेजें. कोर्ट ने लैब को भी छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एसपी को सुपुर्द कर देने का निर्देश दिया है.

बॉबी सिंह उर्फ साहिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश समित गोपाल की खंडपीठ ने दिया है. याची अधिवक्ता का दावा था कि नवविवाहिता की मौत कोरोना से हुई थी. कोरोना मृतकों की सूची में उसका नाम प्रशासन ने दर्ज किया है, लेकिन शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सुनील यादव का कहना था कि जब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक इसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जा सकता, क्योंकि नवविवाहिता के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध मैसेज से स्पष्ट है कि पति उसे क्रूरतम मानसिक प्रताड़ना देता था. उसकी मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है, जिसे अप्राकृतिक मौत की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे से यह जानकारी मिली कि अब तक बिसरा की जांच नही की गई, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जालौन एसपी को छह सप्ताह में बिसरा जांच की रिपोर्ट के साथ नौ फरवरी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इस मामले में पति व ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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