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हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अवैध करार

हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष वंदना के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध करार दे दिया है. कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में नियम 7 का उल्लंघन किया गया है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव विधि विरुद्ध है. कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पारित कर नया चुनाव कराने का आदेश दिया है. बता दें कि यह अविश्वास प्रस्ताव 2018 में लाया गया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Dec 3, 2020, 6:42 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष वंदना के खिलाफ 2 अप्रैल 2018 को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के नियम 7 के उपबंधों का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने 7 सितंबर 2018 को इस पद पर हुए चुनाव को भी रद्द कर दिया है, जिसमें विपक्षी जयंती कुमारी राजपूत अध्यक्ष चुनी गईं थी.

विपक्षी की इस दलील को भी कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया कि जनवरी 2021 (दो माह के भीतर) में चुनाव होना है. इसलिए विपक्षी को पद पर बने रहने दिया जाए. यह आदेश न्यायाधीश एम. एन भंडारी और न्यायाधीश एस. एस शमशेरी की खंडपीठ ने वंदना की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता सरोज कुमार यादव ने बहस की.

मालूम हो कि याची जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थी. 2 नवंबर 2015 को उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया. 2 अप्रैल 2018 को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. सदस्यों को मतपत्र दिये गये, लेकिन उन्हें सही मार्क लगाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने क्रास मार्क लगाया. नियम 7 में मतपत्र पर सही मार्क लगाने का नियम है. कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में नियम 7 का उल्लंघन किया गया है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव विधि विरुद्ध है. वहीं कोर्ट द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर नया चुनाव कराने का आदेश दिया गया है. दोनों की वैधता को याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष वंदना के खिलाफ 2 अप्रैल 2018 को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के नियम 7 के उपबंधों का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने 7 सितंबर 2018 को इस पद पर हुए चुनाव को भी रद्द कर दिया है, जिसमें विपक्षी जयंती कुमारी राजपूत अध्यक्ष चुनी गईं थी.

विपक्षी की इस दलील को भी कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया कि जनवरी 2021 (दो माह के भीतर) में चुनाव होना है. इसलिए विपक्षी को पद पर बने रहने दिया जाए. यह आदेश न्यायाधीश एम. एन भंडारी और न्यायाधीश एस. एस शमशेरी की खंडपीठ ने वंदना की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता सरोज कुमार यादव ने बहस की.

मालूम हो कि याची जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थी. 2 नवंबर 2015 को उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया. 2 अप्रैल 2018 को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. सदस्यों को मतपत्र दिये गये, लेकिन उन्हें सही मार्क लगाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने क्रास मार्क लगाया. नियम 7 में मतपत्र पर सही मार्क लगाने का नियम है. कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में नियम 7 का उल्लंघन किया गया है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव विधि विरुद्ध है. वहीं कोर्ट द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर नया चुनाव कराने का आदेश दिया गया है. दोनों की वैधता को याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी.

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