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अतीक अहमद की कुर्क संपत्ति का इस्तेमाल कर रहे गुर्गे, प्रशासन नहीं कर पा रहा निगरानी - अतीक अहमद की संपत्ति

प्रयागराज में अतीक अहमद की कुर्क और ध्वस्त की गई संपत्तियों का इस्तेमाल उसके गुर्गे कर रहे हैं. पुलिस ने हाल ही में ध्वस्त कार्यालय से 72 लाख से अधिक कैश और 10 अवैध पिस्टल बरामद किए थे.

अतीक अहमद के रसूख में नहीं आई कमी.
अतीक अहमद के रसूख में नहीं आई कमी.
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Published : Mar 25, 2023, 6:50 AM IST

प्रयागराज : अतीक अहमद प्रयागराज से दूर गुजरात की जेल में बंद है, लेकिन उसके रसूख में कोई कमी नहीं आई है. प्रशासन बाहुबली की संपत्तियों को कुर्क और ध्वस्त कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ माफिया के गुर्गे कुर्क सम्पत्तियों का भी इस्तेमाल बेखौफ होकर करते हैं.

प्रयागराज के चकिया इलाके में अतीक अहमद का कार्यालय था. इसे कुर्क और ध्वस्त करने के बावजूद अतीक के लोग यहां अवैध असलहे और काली कमाई छिपाते थे. 4 दिन पहले पुलिस ने अतीक अहमद के ध्वस्त कार्यालय से 72 लाख रुपये से अधिक कैश और 10 अवैध पिस्टल बरामद किए थे. शायद पुलिस यह भूल गई थी कि अतीक के जिस ध्वस्त कार्यालय से यह सब बरामद हुआ है वह संपत्ति 2020 में कुर्क की गई थी. इस संपत्ति की कस्टडी जिला प्रशासन के पास है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जिला प्रशासन के लोग कुर्क की हुई संपत्ति की निगरानी कितनी लापरवाही से कर रहे थे.

प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस में पुलिस ने गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के दफ्तर पर चार दिन पहले छापेमारी कर वहां से 72 लाख रुपये नकद, 10 हथियार और 112 की संख्या में कारतूस बरामद किए थे. प्रयागराज पुलिस के लिए ये बरामदगी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई, लेकिन पुलिस की यही उपलब्धि जिला प्रशासन की कमी और लापरवाही को उजागर कर रही है. साल 2020 में अगस्त महीने में इस संपत्ति को जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया था. कुर्की के साथ ही इस संपत्ति का कस्टोडियन जिला प्रशासन बन गया. कुछ दिनों बाद सितम्बर महीने में अतीक अहमद के इसी कार्यालय में हुए अवैध निर्माण को पीडीए ने ध्वस्त किया.

पीडीए ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तक के लिए कुर्की के आदेश को शिथिल करवाके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी करवाई थी. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी होने के बाद जिला प्रशासन पुनः कुर्की के आदेश को प्रभावी कर सपंत्ति का कस्टोडियन बन गया. सवाल यह भी उठता है कि जब इस प्रॉपर्टी को कुर्क करके उसकी निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन पर थी तो वहां पर जाकर अतीक के गुर्गों ने कैसे अवैध असलहे और कैश छिपाए और कस्टोडियन को इसकी भी भनक क्यों नहीं लगी. इस मामले में जिला प्रशासन के अफसर कुछ बोल नहीं रहे हैं. मामले के 4 दिन बाद काेई कार्रवाई नहीं हुई. स्थानीय प्रशासन अपनी कमी को छिपाने में जुटा हुआ है.

यह भी पढ़ें : शूटर अरमान के साथ शाइस्ता परवीन का नया Video Viral

प्रयागराज : अतीक अहमद प्रयागराज से दूर गुजरात की जेल में बंद है, लेकिन उसके रसूख में कोई कमी नहीं आई है. प्रशासन बाहुबली की संपत्तियों को कुर्क और ध्वस्त कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ माफिया के गुर्गे कुर्क सम्पत्तियों का भी इस्तेमाल बेखौफ होकर करते हैं.

प्रयागराज के चकिया इलाके में अतीक अहमद का कार्यालय था. इसे कुर्क और ध्वस्त करने के बावजूद अतीक के लोग यहां अवैध असलहे और काली कमाई छिपाते थे. 4 दिन पहले पुलिस ने अतीक अहमद के ध्वस्त कार्यालय से 72 लाख रुपये से अधिक कैश और 10 अवैध पिस्टल बरामद किए थे. शायद पुलिस यह भूल गई थी कि अतीक के जिस ध्वस्त कार्यालय से यह सब बरामद हुआ है वह संपत्ति 2020 में कुर्क की गई थी. इस संपत्ति की कस्टडी जिला प्रशासन के पास है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जिला प्रशासन के लोग कुर्क की हुई संपत्ति की निगरानी कितनी लापरवाही से कर रहे थे.

प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस में पुलिस ने गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के दफ्तर पर चार दिन पहले छापेमारी कर वहां से 72 लाख रुपये नकद, 10 हथियार और 112 की संख्या में कारतूस बरामद किए थे. प्रयागराज पुलिस के लिए ये बरामदगी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई, लेकिन पुलिस की यही उपलब्धि जिला प्रशासन की कमी और लापरवाही को उजागर कर रही है. साल 2020 में अगस्त महीने में इस संपत्ति को जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया था. कुर्की के साथ ही इस संपत्ति का कस्टोडियन जिला प्रशासन बन गया. कुछ दिनों बाद सितम्बर महीने में अतीक अहमद के इसी कार्यालय में हुए अवैध निर्माण को पीडीए ने ध्वस्त किया.

पीडीए ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तक के लिए कुर्की के आदेश को शिथिल करवाके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी करवाई थी. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी होने के बाद जिला प्रशासन पुनः कुर्की के आदेश को प्रभावी कर सपंत्ति का कस्टोडियन बन गया. सवाल यह भी उठता है कि जब इस प्रॉपर्टी को कुर्क करके उसकी निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन पर थी तो वहां पर जाकर अतीक के गुर्गों ने कैसे अवैध असलहे और कैश छिपाए और कस्टोडियन को इसकी भी भनक क्यों नहीं लगी. इस मामले में जिला प्रशासन के अफसर कुछ बोल नहीं रहे हैं. मामले के 4 दिन बाद काेई कार्रवाई नहीं हुई. स्थानीय प्रशासन अपनी कमी को छिपाने में जुटा हुआ है.

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