प्रयागराज: वाराणसी में आदि विश्वेश्वर (Adi Visheshwar) की पूजा अर्चना (Worship) के अधिकार को लेकर दाखिल याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी. याचिका में सिविल कोर्ट वाराणसी द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें सिविल कोर्ट ने याची द्वारा दाखिल सिविल सूट के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. भगवान आदि विश्वेश्वर नाथ ज्योतिर्लिंग विराजमान और अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने सुनवाई की.
याचिका में कहा गया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पुराने मंदिर परिसर में याची गण को भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा अर्चना जलाभिषेक आदि करने से राज्य सरकार द्वारा रोका जा रहा है. सरकार ने पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर के सील कर दिया है जबकि हिंदुओं को यहां पूजा अर्चना करने का अधिकार है और राज्य सरकार उनको ऐसा करने से रोक नहीं सकती. याची ने इसे लेकर के एक सिविल सूट सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी वाराणसी के समक्ष दाखिल किया था.
इस सिविल सूट में दाखिल 80 सी के प्रार्थना पत्र को सिविल जज ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मामले में कोई अर्जेंसी नहीं है जबकि दो अन्य सिविल सूट में उन्होंने इसी प्रकार के प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया है. सिविल जज के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिस पर कोर्ट ने 18 अक्टूबर की तिथि सुनवाई के लिए नियत की है.
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