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HC ने लाखों की हेराफेरी करने वाले आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर लगाई रोक - Prayagraj samachar

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाखों रुपये की हेराफेरी करने वाले गाजियाबाद में तैनात आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर रोक लगा दी है. इन पर ये आरोप है कि इन्होंने लूटकांड के आरोपी से बरामद पैसे में घपलेबाजी की है.

HC ने लाखों की हेराफेरी करने वाले आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर लगाई रोक
HC ने लाखों की हेराफेरी करने वाले आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर लगाई रोक
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Published : Jan 22, 2021, 9:03 PM IST

प्रयागराजः गाजियाबाद के आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इन पर लाखों रुपये की हेराफेरी का आरोप है. दरअसल इन्होंने एटीएम लूटकांड के आरोपी राजीव सचान और आमिर को गिरफ्तार किया था और उनसे लूट के 45 लाख 81 हजार 5 सौ की बरामदगी की थी. लेकिन पकड़े गये आरोपियों का कहना है कि पुलिस ने उनसे 1 करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किये थे.

पुलिसकर्मियों पर हुई थी कार्रवाई

अभियुक्तों के बयान के बाद एसएसपी गाजियाबाद ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत 6 और पुलिस कर्मियों को 25 सितम्बर 2019 को निलंबित कर दिया था. ये कार्रवाई यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17 (1) (क) के प्रावधानों के तहत की गयी. इस दौरान उन्हें गाजियाबाद पुलिस लाइन्स में सम्बद्ध कर दिया गया था.

याचीगण के निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि निलंबन आदेश नियम और कानून के खिलाफ है. अधिवक्ता का तर्क था कि निलंबन आदेश पारित करते समय सक्षम अधिकारी के सामने कोई मैटेरियल नहीं था. कहा गया कि निलंबन आदेश सच्चिदानंद त्रिपाठी केस में हाईकोर्ट की दी गई विधि व्यवस्था के खिलाफ है.

ये आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस अजय भनोट ने कान्सटेबल सौरभ शर्मा, सचिन कुमार और धीरज भारद्वाज के दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है. इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा भी पंजीकृत है, और इन्हें जेल भी भेज दिया गया है. इसके बाद इन्हें हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया है.

प्रयागराजः गाजियाबाद के आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इन पर लाखों रुपये की हेराफेरी का आरोप है. दरअसल इन्होंने एटीएम लूटकांड के आरोपी राजीव सचान और आमिर को गिरफ्तार किया था और उनसे लूट के 45 लाख 81 हजार 5 सौ की बरामदगी की थी. लेकिन पकड़े गये आरोपियों का कहना है कि पुलिस ने उनसे 1 करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किये थे.

पुलिसकर्मियों पर हुई थी कार्रवाई

अभियुक्तों के बयान के बाद एसएसपी गाजियाबाद ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत 6 और पुलिस कर्मियों को 25 सितम्बर 2019 को निलंबित कर दिया था. ये कार्रवाई यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17 (1) (क) के प्रावधानों के तहत की गयी. इस दौरान उन्हें गाजियाबाद पुलिस लाइन्स में सम्बद्ध कर दिया गया था.

याचीगण के निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि निलंबन आदेश नियम और कानून के खिलाफ है. अधिवक्ता का तर्क था कि निलंबन आदेश पारित करते समय सक्षम अधिकारी के सामने कोई मैटेरियल नहीं था. कहा गया कि निलंबन आदेश सच्चिदानंद त्रिपाठी केस में हाईकोर्ट की दी गई विधि व्यवस्था के खिलाफ है.

ये आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस अजय भनोट ने कान्सटेबल सौरभ शर्मा, सचिन कुमार और धीरज भारद्वाज के दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है. इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा भी पंजीकृत है, और इन्हें जेल भी भेज दिया गया है. इसके बाद इन्हें हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया है.

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