प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने केशव के खिलाफ चुनाव के दौरान झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी है. अधीनस्थ न्यायालय ने यह मांग पहले ही खारिज कर दी थी जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. न्यायालय में सुनवाई के पश्चात याची द्वारा मुकदमे को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया गया.
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने इलाहाबाद के समाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका पर अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व ए जी ए प्रथम ए के सड को सुन कर दिया है. मालूम हो कि याची ने उपमुख्यमंत्री के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत में 19 जुलाई 2021 को धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसमें आरोप लगाया कि उन्होंने 2012 विधानसभा, 2007 इलाहाबाद शहर पश्चिमी के चुनाव के समय निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र का झूठा शपथ पत्र दिया था. इसी प्रकार इंडियन ऑयल कारपोरेशन से सदोष लाभ प्राप्त करने के लिए कूट रचित शैक्षणिक दस्तावेज प्रस्तुत कर फिलिंग स्टेशन प्राप्त किया है.
निचली अदालत ने दिनांक 4 सितंबर 2021 को याची के धारा 156 (3) सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अदालत के समक्ष कोई शैक्षणिक योग्यता का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया. इसके साथ ही प्रार्थी द्वारा ऐसा कोई दस्तावेज भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया कि उसके द्वारा संबंधित बोर्ड के समक्ष उक्त दोनों अंक पत्र की सत्यता के संबंध में कोई कार्यवाही की गई है अथवा नहीं. अदालत ने सारे आरोपों को हस्तक्षेप करने से मना करते हुए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था जिसको इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
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