प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत लोधन को नगर निगम वाराणसी में शामिल करने की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने ग्राम पंचायत लोधन व ग्राम प्रधान की याचिका पर दिया. याचिका पर अधिवक्ता मनीष सिंह और सुषमा सिंह ने बहस की.
याची का कहना है कि 5 दिसम्बर 2019 को ग्राम पंचायत को समाप्त कर दिया गया है. इसे नगर निगम वाराणसी में शामिल कर लिया गया है. ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू के उपबंधों का उल्लंघन है. अनुच्छेद 243 ई के अंतर्गत याची पांच साल के लिए ग्राम प्रधान चुना गया है. उसे कार्यकाल पूरा करने का वैधानिक अधिकार है. इसमें कटौती नहीं की जा सकती है. यह संवैधानिक उपबंधों के विपरीत है. कोर्ट ने प्रकरण विचारणीय माना और राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है.