प्रयागराजः जिले में प्रदेश सरकार के ओर से बनाई गोशाला में काम करने वाले मजदूर तंगहाली से गुजर रहे हैं. उन्हें प्रशासन की ओर से मजदूरी नहीं दी जा रही. इससे मजदूर परेशान हैं. गौरतलब है कि आवारा घूम रहे गोवंशों के लिए कान्हा गोशालाओं का निर्माण कराया गया था, लेकिन यहां काम करने वाले मजदूरों का आरोप है कि गोशालाओं में काम करने वाले मजदूरों के लिए किसी प्रकार के मानदेय की व्यवस्था नहीं की गई है. मजदूरों का कहना है कि गोशाला में रहने वाले गोवंशों के लिए शासन की ओर से बाकायदा भूसा व हरे चारे के साथ-साथ चुनी चोकर का भी प्रबंध करने की योजना बनाई गई है, लेकिन मजदूरों की सुध प्रशासन को नहीं है.
मनरेगा का था आश्वासन
गोशाला में काम कर रहे मजदूरों को मनरेगा के तहत मजदूरी देने की बात कहकर ग्राम प्रधानों ने रखा था, लेकिन मनरेगा के तहत भी इन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल सकी. इस कारण गोशाला में काम करने वाले मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं.
कई गोशालाओं के बुरा हाल
ये हाल सिर्फ एक गोशाला का नही है. कौंधियारा विकासखंड के अंतर्गत संचालित हो रही देवरा, टिकरी, जोकनई, कुल्हरिया व पवर गोशाला में काम करने वाले दर्जनों मजदूरों का बुरा हाल है. गोशाला संचालित होने के बाद से आज तक गोशाला में रहने वाले गोवंश की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन मजदूरों को आज तक मजदूरी नहीं दी गई.
जोकनई गोशाला में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि 2 वर्ष से वह काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक पूरी मजदूरी नहीं मिल पाई है.
पवरी गोशाला में काम कर रहे मजदूर बबलू ने बताया कि ग्राम प्रधान से थोड़ा बहुत पैसा मिला है लेकिन मजदूरी का पूरा पैसा कब मिलेगा यह कोई भी अधिकारी नहीं बोल रहा है. वहीं, टिकरी गोशाला में काम कर रहे मजदूर दयाशंकर ने बताया कि गोशाला में निरंतर कार्य तो कर रहे हैं. समय-समय पर ग्राम विकास अधिकारी, खंड विकास अधिकारी कौधीयारा व अन्य अधिकारी गोशाला का निरीक्षण करने तो आते हैं पर मजदूरी के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं.