प्रयागराज : कोरोना संक्रमित पूर्व सांसद श्यामा चरण गुप्ता की इलाज के दौरान दिल्ली में मौत हो गई. 29 मार्च को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें शहर के एसआरएन कोविड एल-3 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालत बिगड़ने पर उन्हें एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल भेज दिया गया था. यहां पर इलाज के दौरान शनिवार को उनकी मौत हो गई. इलाहाबाद और बांदा से लोकसभा सांसद रहे श्यामा चरण गुप्ता की मौत की खबर प्रयागराज पहुंचते ही उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई. पूर्व सांसद के निधन पर अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति सदस्य प्रमोद तिवारी ने दुख जताते हुए कहा कि श्यामा चरण प्रतिष्ठित व्यापारी के साथ-साथ एक जिंदादिल इंसान थे. उन्होंने बताया कि श्यामा चरण अपने सांसद कार्यकाल के दौरान क्षेत्र की मजबूत आवाज बनकर लोकसभा में उठाते थे. साथ ही उन्होंने कहा कि श्यामा चरण व्यापारी और छात्र की लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा जाने जाते रहेंगे.
दो बार रह चुके हैं सांसद
श्यामा चरण गुप्ता ईमानदार राजनीतिक व्यक्ति थे. तीन दशक के लंबे उनके राजनीतिक सफर में उन्हें प्रयागराज का मेयर बनने के साथ ही बांदा और इलाहाबाद सीट से लोकसभा जाने का मौका मिला. 2004 के लोकसभा चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने थे, वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर इलाहाबाद सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर वे सपा के टिकट पर बांदा से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने महापौर से लेकर विधायक और सांसद तक के चुनावी मुकाबलों में किस्मत आजमाई थी. इसके साथ ही उन्होंने पत्नी जमुनोत्री गुप्ता को भी महापौर और विधायक का चुनाव लड़वाया है. हालांकि पत्नी को दोनों बार हार का सामना करना पड़ा था.
अखिलेश यादव से था करीबी रिश्ता
राजनीतिक सफर में श्यामा चरण गुप्ता का संबंध देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी से भी रहा है. पीएम मोदी की पिछली सरकार में वे सांसद थे. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ ही अखिलेश यादव से भी उनके करीबी रिश्ते रहे हैं.
पूर्व सांसद का राजनीतिक सफर
- 1984 से श्यामा चरण गुप्ता के राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई थी.
- 1989 में इलाहाबाद के नगर प्रमुख का चुनाव जीते थे.
- 1991 में भाजपा के टिकट पर इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन करीब 5000 वोट से उन्हें जनता दल की प्रत्याशी सरोज दुबे ने हरा दिया था. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. सपा में उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी.
- 1996 में सपा के टिकट पर इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़े और बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
- 1999 में सपा से ही बांदा सीट से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
- 2002 में शहर दक्षिणी विधानसभा में केसरी नाथ त्रिपाठी के खिलाफ विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
- 2004 में सपा के ही टिकट पर बांदा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार उन्हें संसद जाने का मौका मिला था.
- 2009 में फूलपुर लोकसभा सीट सपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें बसपा प्रत्याशी कपिल मुनि करवरिया ने पराजित कर दिया था.
- 2014 में श्यामा चरण गुप्ता एक बार फिर भाजपा में शामिल हो चुके थे और बीजेपी के ही टिकट पर इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने सपा के कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह को चुनाव हराया था.
- 2019 में बीजेपी से टिकट न मिलने पर उन्होंने सपा का दामन थामा और पुरानी सीट बांदा से चुनाल लड़े, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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पत्नी और परिवार के दूसरे लोग भी हैं संक्रमित
होली के बाद पूर्व सांसद श्यामा चरण गुप्ता के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उनकी पत्नी और बेटे सहित परिवार के दूसरे लोगों का भी कोरोना टेस्ट करवाया गया था. इसमें उनकी पत्नी जमुनोत्री गुप्ता और दोनों बेटे भी संक्रमित मिले थे. इसके बाद सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया था, लेकिन उनकी पत्नी की हालत बिगड़ने पर उन्हें भी दिल्ली भेज दिया गया था. यहां उनका इलाज चल रहा है.
पूर्व सांसद ने दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस
पूर्व सांसद श्यामा चरण गुप्ता की मौत की खबर प्रयागराज पहुंचते ही उनके समर्थक गमगीन हो गए. उनकी मौत की खबर से प्रयागराज में राजनीतिक व्यक्तियों के साथ ही व्यापारिक संगठनों ने भी शोक व्यक्त किया. हर कोई श्यामा चरण गुप्ता के बेबाकी भरे अंदाज से बातचीत करने का कायल था. लोग उनकी मौत को जिले के लिए एक अपूर्णीय क्षति बता रहे हैं.