प्रयागराज : मान्यता है कि तीर्थराज प्रयाग में संगम में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है, और मनुष्य को मोक्ष भी प्राप्त होता है. हर वर्ष संगम की रेती पर माघ मास में देश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है. 14 जनवरी मकर संक्रांति के साथ ही माघ मेले का शुरुआत हो रहा है. ऐसे में यहां देश के साथ ही विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. हालांकि इस बार के माघ मेले में ऐसा पहली बार हो रहा है जब कई देशों से आए विदेशी श्रद्धालुओं ने भूमि पूजन किया. कई श्रद्धालु यहां एक महीने तक आस्था और श्रद्धा के आराधना में लिप्त होकर संगम की रेती पर कल्पवास करते हैं.
संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है. कोविड काल के चलते इस बार के माघ मेले में कई बदलाव देखे जा रहे हैं. मकर संक्रांति के पहले स्नान के साथ ही माघ मेले की शुरुआत हो रही है और इसी कड़ी में संगम की रेती पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं का आवागमन भी शुरू हो गया है. वहीं इस बार के माघ मेले में ऐसा पहली बार हो रहा है जब कई देशों से आए विदेशी श्रद्धालुओं ने भूमि पूजन किया. क्रिया योग आश्रम के मेला शिविर के भूमि पूजन के दौरान क्रिया योग आश्रम के संस्थापक योगी सत्यम महाराज के साथ-साथ ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा समेत कई अन्य देशों से आए विदेशी सैलानी इसका हिस्सा बने.
विदेशी श्रद्धालु सवा महीने तक करेंगे कल्पवास
सभी विदेशी श्रद्धालु सवा महीने तक यही रहेंगे और आस्था की डुबकी लगाएंगे. वहीं भारत की संस्कृति के साथ-साथ क्रिया योग का पाठ करेंगे. ब्राजील से आए श्रद्धालु रिचर्ड ने कहा कि उन्होंने पहली बार भूमि पूजन में हिस्सा लिया है और भगवान की पूजा की है. पहली बार संगम पर ऐसी श्रद्धा देख कर बहुत अच्छा लगा. संगम की रेती पर शानिवार को करीब 1 घंटे तक चले इस भूमि पूजन में विदेशी श्रद्धालुओं के साथ आम जनता और साधु संत भी मौजूद रहे.
वहीं क्रिया योग के संस्थापक योगी सत्यम ने कहा कि विदेशी सैलानियों ने खुद इच्छा जाहिर की थी कि इस बार वह भूमि पूजन में हिस्सा लेंगे और भगवान की आराधना करेंगे. इसी वजह से वह इस भूमि पूजन का हिस्सा बने.