प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है. बाढ़ का पानी कम होने से एक तरफ जहां लोगों को राहत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ घरों में जमा कीचड़ और गंदगी के साथ ही फैली दुर्गंध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोग घंटों लगकर घरों की सफाई कर रहे हैं, लेकिन बिजली और पानी की सप्लाई बंद होने से सफाई भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है. नगर निगम की तरफ से गलियों और सड़कों को साफ करवाया जा रहा है, लेकिन लोग धीमी रफ्तार की वजह से संतुष्ट नहीं हैं.
प्रयागराज जिले में बाढ़ का पानी भले ही कम होना शुरू हो गया है, लेकिन पानी घटने के बावजूद लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई है. पानी कम होने से जहां लोगों को राहत मिली है तो वहीं घरों में जमा गंदगी और बदबू से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. नगर निगम इन इलाकों में सफाई करवा रहा है, लेकिन गंदगी व बदबू से इतनी जल्दी लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है. स्थानीय लोग भी घंटों तक घरों में जमे कीचड़ और गंदगी को साफ करने में जुटे हैं, लेकिन गंदगी साफ होने के बाद भी बदबू ने लोगों की मुस्किलें बढ़ा दी हैं.
जिन इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ था, उन इलाकों की बिजली उसी समय काट दी गई थी. बिजली न होने की वजह से घरों के नलों में भी पानी की सप्लाई बंद हो गई थी. अभी तक बिजली नहीं आई है. ऐसे में अब इन लोगों के लिए नहाने, धोने व पीने के पानी की भी दिक्कत है. लोगों का कहना है कि जब पानी ही नहीं मिल रहा है तो घरों से कीचड़ की सफाई कैसे करें. लोग बिजली और पानी की जल्द सप्लाई शुरू किए जाने की मांग कर रहे हैं.
पानी कम होने वाले इलाकों में नगर निगम की टीम भी साफ-सफाई करने पहुंच गई है, लेकिन हर तरफ गली-सड़क पर जमे कीचड़ को तत्काल साफ कर पाना नगर निगम के सफाई कर्मियों के लिए भी आसान काम नहीं है. बीमारियों से बचाने के लिए नगर निगम कर्मी साफ-सफाई करने के साथ ही गलियों व सड़कों पर दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं. हालांकि हफ्ते भर से ज्यादा समय तक पानी में डूबे रहने की वजह से इन इलाकों को पूरी तरह से साफ-सुथरा बनाने में कुछ वक्त जरूर लगेगा.
प्रयागराज में हफ्ते भर तक गंगा और यमुना ने रौद्र रूप धारण किया था. इस दौरान दोनों नदियों का जलस्तर डेंजर लेवल से एक से डेढ़ मीटर तक ऊपर हो गया था, जिससे कई इलाकों में लोगों के घरों की दूसरी मंजिल तक पानी पहुंच गया था. गुरुवार से पानी घटने का सिलसिला तेजी से शुरू हुआ और गंगा-यमुना दोनों ही नदी शनिवार को डेंजर लेवल के नीचे पहुंच चुकी थीं. अब कई इलाकों में हजारों घर बाढ़ के पानी से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन अभी भी निचले इलाकों में लोगों के घरों और मोहल्लों में पानी भरा हुआ है. इसी रफ्तार से पानी घटता रहा तो रक्षा बंधन तक हालात सामान्य हो सकते हैं.
रविवार की शाम 4 बजे तक गंगा का पानी फाफामऊ में 83.96 मीटर व छतनाग में 83.04 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि यमुना का जलस्तर 83.72 मीटर तक हो गया है. नदियों का जलस्तर दो दिन पहले तक खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर तक पहुंच गया था. तेजी से घट रहे जलस्तर की वजह से बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. शनिवार को दोनों नदियों का जलस्तर 5 से 6 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से कम हो रहा है. जिस वजह से लगातार बाढ़ से डूबे हुए घरों को पानी से मुक्ति मिल रही है.