प्रयागराजः इन दिनों देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लोग बारिश और बाढ़ से परेशान रहते हैं. लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में तो ऐसे लोग हैं जो गंगा के साथ ही साथ यमुना में बाढ़ आने की प्रार्थना कर रहे हैं. लोग मंदिरों में जाकर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि गंगा यमुना का जल स्तर इतना बढ़ जाये कि पानी लेटे हनुमान मंदिर के अंदर तक पहुंच जाए. जिससे हनुमान जी की प्रतिमा जलमग्न हो जाए.
मंदिर में कर रहे हैं पूजाः गंगा यमुना के जल से घिरी संगम नगरी प्रयागराज के लोग दोनों नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी की शुरुआत को देखकर उत्साहित हो रहे हैं. कुछ लोग तो संगम तट पर वाटर लेवल देखने पहुंच रहे हैं. ये लोग संगम पर जाकर जहां गंगा-यमुना के बढ़े हुए जलस्तर को देखते हैं. संगम के नजदीक किले के पास स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में जाकर बजरंग बली का दर्शन पूजन भी कर रहे हैं. संगमनगरी के लोग हनुमान जी से प्रार्थना कर रहे हैं कि गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़े. जिससे मां गंगा मंदिर में अंदर तक पहुंच जाएं, साथ ही हनुमान जी का गंगाजल से जलाभिषेक भी हो जाए. संगम नगरी में ऐसी मान्यता है कि बजरंग बली को जिस साल मां गंगा स्नान करवाती हैं. उस साल यहां के लोगों का जीवन सुखमय से बीतता है. जिले में किसी प्रकार की महामारी आपदा विपदा नहीं आती है. इसी मान्यता के अनुसार लेटे हुए हनुमान जी के भक्त मनाते हैं कि मां गंगा का जल स्तर बढ़े और हनुमान जी स्नान कर सकें.
हनुमान मंदिर में गंगाजल का प्रवेशः बता दें कि प्रयागराज में संगम के तट पर सदियों पुराना लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर है. देश दुनिया से संगम स्नान करने के लिए आने वाले भक्त संगम स्नान के बाद लेटे हनुमान जी का दर्शन करने पहुंचते हैं. प्रयागराज में रहने वाले लेटे हुए हनुमान जी के भक्त हर साल उस दिन की प्रतीक्षा करते हैं, जिस दिन मां गंगा का जल बजरंग बली का जलाभिषेक करने मंदिर के अंदर प्रवेश करता है. हनुमान मंदिर में गंगा के प्रवेश के उस अद्भुत पल का भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. क्योंकि जिस वक्त मां गंगा का जल बजरंग बली का जलाभिषेक करने के लिए मंदिर में प्रवेश करता है उस वक्त मंदिर के महंत और पुजारी भक्तों के साथ मिलकर मां गंगा का पंचगव्य से अभिषेक करते हुए उनका स्वागत करते हैं. प्रयागराज में रहने वाले बजरंग बली के भक्तों के साथ ही मां गंगा के भी भक्त इस पल का साक्षी बनने के लिए उस दिन हनुमान मंदिर पहुंचते हैं.
गंगा का जल स्तर बढ़ने का इंतजारः लेटे हनुमान जी का दर्शन करने पहुंचे प्रमोद शर्मा, अर्चना सिंह और हिना का कहना है कि वो साल भर तक इस दिन का इंतज़ार करते हैं. ऐसे में जब गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है तो वो हनुमान जी का दर्शन करने के साथ ही इस बात का अनुमान लगाने के लिए भी मंदिर आते हैं कि कब तक गंगा जी हनुमान मंदिर के अंदर तक आने की संभावना है. भक्तों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इसी रफ्तार से नदियों का जल स्तर बढ़ता रहेगा तो जल्दी ही हनुमान जी के मंदिर के अंदर तक मां गंगा पहुंच जाएंगी.
मंदिर में पानी भर जाने के बाद भी होती है पूजा और आरती: मंदिर के मुख्य पुजारी अजय चतुर्वेदी और पुजारी सूरज पांडेय ने बताया कि संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर में गंगा के प्रवेश कर जाने के बाद भी मंदिर की आरती पूजा उसी तरह से होती रहती है. इसके साथ ही मंदिर में दर्शन करने वाले भक्त भी वहां पहुंचते हैं और गंगा की गोद में डूबे हुए हनुमान जी का दर्शन पूजन करते रहते हैं. जब बजरंग बली की लेटी हुई प्रतिमा जलमग्न रहती है तो भी मंदिर के पुजारी और महंत भोग और आरती करते हैं. जलमग्न हनुमान जी का दर्शन पूजन करने तमाम लोग नाव से जाते हैं. बहुत से लोग मंदिर के ऊपरी हिस्से से ही बजरंग बली का दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं.