ETV Bharat / state

प्रयागराज: जयंती पर भी सूनी रही फिरोज गांधी की कब्र, कांग्रेसी तक नहीं पहुंचे

author img

By

Published : Sep 12, 2019, 8:11 PM IST

गुरुवार को पूरा देश स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य रहे फिरोज गांधी की 106वीं जयंती मना रहा है. शहर के घण्टाघर में स्थित फिरोज गांधी की कब्र बदहाली की शिकार होती नजर आ रही है. कांग्रेस के इस कद्दावर नेता की जयंती पर गांधी परिवार का न कोई श्रद्धांजलि अर्पित करने आया और न ही कोई सजदा करने पहुंचा.

जयंती पर भी सूनी रही फिरोज गांधी की कब्र

प्रयागराज: गुरुवार को पूरा देश फिरोज गांधी की 106वीं जयंती मना रहा है. 12 सितंबर 1912 को फारसी परिवार में जन्मे फिरोज गांधी ने आजादी की लड़ाई में अपना विशेष योगदान दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की पहली मुलाकात प्रयागराज घण्टाघर के पास हुई थी.

जयंती पर भी सूनी रही फिरोज गांधी की कब्र.

इसे भी पढ़ें :- प्रयागराज: 'द नेचर जंगल' सीरीज पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन, कुंभ से बनारस तक का दिखेगा संगम

प्रयागराज दौरे पर कई बार आए राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी
राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी का कई बार प्रयागराज दौरा रहा, लेकिन न तो सोनिया गांधी ने अपने ससुर को याद किया और न ही राहुल गांधी को अपने दादा जी याद रहे. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि आज हमने फिरोज गंधी की जयंती पर उनकी कब्र पर माल्यार्पण कर उनकी कुर्बानियों को याद किया. उन्होंने कहा कि दुःख की बात तो यह है कि गांधी परिवार फिरोज गांधी को भूलता नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव के मौके पर कई बार प्रियंका, राहुल और सोनिया गांधी का प्रयागराज में आगमन रहा, लेकिन फिरोज की कब्र तक पहुंचने की कोशिश किसी ने नहीं की.

कई आंदोलन में रहे एक साथ
इरशाद उल्ला ने बताया कि घण्टाघर में फिरोज गांधी जब अकेले अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तभी इंदिरा गांधी ने साथ मिलकर अंग्रेजी प्रशासन के खिलाफ आंदोलन जारी रखा. सक्रिय राजनीति करने के साथ ही देश के लिए की गई कुर्बानी के लिए फिरोज गांधी को दुनिया याद कर रही है.

बदहाली में है फ़ारसी कब्रिस्तान
मम्फोर्डगंज स्थित फ़ारसी कब्रिस्तान में फिरोज गांधी की कब्र है जो पूरी तरह से बदहाल हो गई है. कब्रिस्तान की देख-रेख के लिए न तो गांधी परिवार को कोई फिक्र है और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है. जिला प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना होगा कि इतने बड़े स्वंत्रतता सेनानी और पूर्व लोकसभा सदस्य की कब्र बदहाल है.

प्रयागराज: गुरुवार को पूरा देश फिरोज गांधी की 106वीं जयंती मना रहा है. 12 सितंबर 1912 को फारसी परिवार में जन्मे फिरोज गांधी ने आजादी की लड़ाई में अपना विशेष योगदान दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की पहली मुलाकात प्रयागराज घण्टाघर के पास हुई थी.

जयंती पर भी सूनी रही फिरोज गांधी की कब्र.

इसे भी पढ़ें :- प्रयागराज: 'द नेचर जंगल' सीरीज पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन, कुंभ से बनारस तक का दिखेगा संगम

प्रयागराज दौरे पर कई बार आए राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी
राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी का कई बार प्रयागराज दौरा रहा, लेकिन न तो सोनिया गांधी ने अपने ससुर को याद किया और न ही राहुल गांधी को अपने दादा जी याद रहे. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि आज हमने फिरोज गंधी की जयंती पर उनकी कब्र पर माल्यार्पण कर उनकी कुर्बानियों को याद किया. उन्होंने कहा कि दुःख की बात तो यह है कि गांधी परिवार फिरोज गांधी को भूलता नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव के मौके पर कई बार प्रियंका, राहुल और सोनिया गांधी का प्रयागराज में आगमन रहा, लेकिन फिरोज की कब्र तक पहुंचने की कोशिश किसी ने नहीं की.

कई आंदोलन में रहे एक साथ
इरशाद उल्ला ने बताया कि घण्टाघर में फिरोज गांधी जब अकेले अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तभी इंदिरा गांधी ने साथ मिलकर अंग्रेजी प्रशासन के खिलाफ आंदोलन जारी रखा. सक्रिय राजनीति करने के साथ ही देश के लिए की गई कुर्बानी के लिए फिरोज गांधी को दुनिया याद कर रही है.

बदहाली में है फ़ारसी कब्रिस्तान
मम्फोर्डगंज स्थित फ़ारसी कब्रिस्तान में फिरोज गांधी की कब्र है जो पूरी तरह से बदहाल हो गई है. कब्रिस्तान की देख-रेख के लिए न तो गांधी परिवार को कोई फिक्र है और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है. जिला प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना होगा कि इतने बड़े स्वंत्रतता सेनानी और पूर्व लोकसभा सदस्य की कब्र बदहाल है.

Intro:प्रयागराज: अंग्रेजों के खिलाफ आन्दोल करते समय पहली बार मिले थे फिरोज और इंदिरा ,आजादी की लड़ाई में रही महत्वपूर्ण भूमिका

7000668169
एक्सलूसिव खबर

प्रयागराज: आज पूरा देश फिरोज गांधी की 106वीं जयन्ती माना रहा है. फिरोज जहांगीर गांधी का जन्म 12 सितंबर 1912 को फ़ारसी परिवार में हुया था. राजनीतिक जीवन में और आजादी की लड़ाई में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. वह प्रसिद्ध स्वत्रंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्यों में से एक थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति थे. शादी के पहले पहली बार प्रयागराज घण्टाघर के पास अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते समय इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की मुलाकात हुई थी.
तभी से दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर आंदोलन करते रहे. कुछ समय बाद इंदिरा और फिरोज गांधी की शादी हो गई. उसके बाद ही इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी. आज भी फिरोज गंधी का कब्र प्रयागराज फ़ारसी कब्रिस्तान में मैजूद है लेकिन गांधी परिवार अब फिरोज गांधी को भूलती नजर आ रही है.

प्रयागराज दौरे पर कई बार आए राहुल,प्रियंका और सोनिया गांधी

राहुल, प्रियंका और सोनिया का कई बार प्रयागराज दौरा रहा लेकिन सोनिया अपने ससुर और राहुल अपने दादा जी को याद नहीं किया. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि फिरोज गंधी के जयंती के अवसर पर उनके कब्र पर माल्यार्पण कर उनकी कुर्बानियों को याद करने का काम किया है. लेकिन दुःख की बात यह है कि गांधी परिवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरोज गांधी को भूलते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव के मौके पर कई बार प्रियंका, राहुल और सोनिया गांधी का कई बार आगमन रहा. लेकिन फिरोज गांधी के कब्र तक न तो राहुल पहुंचे न ही प्रियंका ने याद किया.


Body:कई आंदोलन में रहे एक साथ

वरिष्ठ नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई जब अकेले दम पर फिरोज गांधी घण्टाघर में लड़ रहे थे तभी इंदिरागांधी भी उनके साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आन्दोल जारी रखा. फिरोज गांधी सक्रिय राजनीतिक के साथ ही अकेले दम पर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे. देश के लिए फिरोज गांधी की कुर्बानी आज सारी दुनिया याद कर रही है. ममफोर्डगंज स्थित फिरोज गांधी कब्र है लेकिन गांधी परिवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनको अब भूल चूंके है. कई साल पहले सोनिया यहां आया करती थी लेकिन अब तो न उनके जयंती और पुण्यतिथि पर आना ठीक नहीं समझती है.

बदहाली में है फ़ारसी कब्रिस्तान

मम्फोर्डगंज स्थित फ़ारसी कब्रिस्तान पूरी तरह से बदहाल हो गया है. कब्रिस्तान की देखरेख के लिए न तो कांग्रेसी ध्यान दे रहे है ना तो गांधी परिवार को कोई फिक्र है. जिला प्रशासन को इस बात को ध्यान देना होगा कि इतने बड़े स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व लोकसभा सदस्य का कब्र बदहाल है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार को ध्यान देना चाहिए.




Conclusion:फिरोज गांधी को भूले गांधी परिवार

वरिष्ठ नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि फिरोज गांधी और इंदिरागांधी आन्दोल में मिले. इसके बाद दोनों की शादी हो गई. शादी के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी. आन्दोल चलता रहा और फिरोज जहांगीर गांधी अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेते रहे. लेकिन आज गंधी परिवार और कांग्रेस पार्टी फिरोज गांधी को भूलती नजर आ रही है.

बातचीत- इरशाद उल्ला, वरिष्ठ नेता कांग्रेस पार्टी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.