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हाईकोर्ट ने बिजली कर्मचारियों के हड़ताल को लिया संज्ञान, तत्काल व्यवस्था बहाल करने के दिए निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के हड़ताल को लेकर जमानती वारंट जारी करते हुए तत्काल व्यवस्था को बहाल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने हड़ताली कर्मचारी नेताओं और बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब भी किया है.

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Published : Mar 17, 2023, 4:54 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कर्मचारी नेताओं को जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने प्रदेश भर में जहां भी बिजली गड़बड़ है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारी नेताओं और बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब किया है.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता विभू राय ने न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार देते हुए हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया था. इसके बाद जो भी हड़ताल की गई है वह कोर्ट के आदेश की स्पस्ट अवमानना है. इस पर कोर्ट ने सभी हड़ताली कर्मचारियों को जमानती वारंट जारी करते हुए 20 मार्च सोमवार की सुबह 10 बजे अदालत में तलब किया है.

बता दें कि प्रदेश भर में विद्युत कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदेश भर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो रही है. हालांकि इस दौरान कई जिले में प्रशासन ने कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. इसके बावजूद बिजली कर्मियों का हड़ताल जारी है. इस संबध में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है. ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बिजली कर्मियों के मांगो को लेकर काम किया जा रहा है, इसके बावजूद हड़ताल करना उचित नहीं है.

यह भी पढ़ें- Energy Minister ने कहा, जनता को परेशानी हुई तो बिजलीकर्मियों पर करेंगे एस्मा की कार्रवाई

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कर्मचारी नेताओं को जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने प्रदेश भर में जहां भी बिजली गड़बड़ है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारी नेताओं और बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब किया है.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता विभू राय ने न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार देते हुए हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया था. इसके बाद जो भी हड़ताल की गई है वह कोर्ट के आदेश की स्पस्ट अवमानना है. इस पर कोर्ट ने सभी हड़ताली कर्मचारियों को जमानती वारंट जारी करते हुए 20 मार्च सोमवार की सुबह 10 बजे अदालत में तलब किया है.

बता दें कि प्रदेश भर में विद्युत कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदेश भर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो रही है. हालांकि इस दौरान कई जिले में प्रशासन ने कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. इसके बावजूद बिजली कर्मियों का हड़ताल जारी है. इस संबध में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है. ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बिजली कर्मियों के मांगो को लेकर काम किया जा रहा है, इसके बावजूद हड़ताल करना उचित नहीं है.

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