प्रयागराज: हाईकोर्ट ने नियुक्त पर्यवेक्षकों की निगरानी में जिला कचहरी इलाहाबाद (District Court Allahabad) बार एसोसिएशन का चुनाव(bar association election) 29 नवंबर को फिर से कराने के आदेश दिए हैं. इससे पूर्व आयोजित 27 अक्टूबर के चुनाव को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने 8 सदस्यीय एडिटर कमेटी भी गठित की है. एल्डर कमेटी को चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से पूरी कराने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं. मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने इस प्रकरण को 30 नवंबर को फिर सुनवाई के लिए दिन में 2 बजे सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.
इससे पूर्व जिला कचहरी में 27 अक्टूबर को चुनाव कराए गए थे. इसको लेकर अधिवक्ताओं के एक गुट ने हंगामा और विरोध किया था. इसके बाद मतपेटियों के मत निकाल कर फेंक दिए जाने के कारण चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी. जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव कराने के लिए अमित कुमार निगम सहित कई लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 27 अक्टूबर का चुनाव असफल हो जाने के बाद इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की गई. कोर्ट ने अधिवक्ताओं से नई एल्डर कमेटी गठित करने के लिए वकीलों के नाम मांगे थे.
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वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभु राय, वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह आदि अधिवक्ताओं के दिए गए सुझाव के बाद कोर्ट ने नरेंद्र देव पांडे, राधा रमन मिश्रा, हरि सागर मिश्र, दिनेश श्रीवास्तव, राजेंद्र श्रीवास्तव, राघव सिंह, सीताराम सिंह और प्रमोद सिंह नीरज की आठ सदस्यीय नई एल्डर कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी को 29 नवंबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही कोर्ट ने चुनाव कार्य की निगरानी के लिए हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राधा कांत ओझा , वरिष्ठ अधिवक्ता और बार काउंसिल से सदस्य अमरेंद्र नाथ सिंह और भरत प्रताप सिंह को चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
इन पर्यवेक्षकों की निगरानी में एल्डर कमेटी को चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को भी आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूर्व गठित एल्डर कमेटी को चुनाव प्रक्रिया में सहयोग करने का निर्देश दिया है और चुनाव के लिए फंड उपल्ब्ध कराने को कहा है. लेकिन, कमेटी को चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से रोक दिया गया है.
कोर्ट ने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को निर्देश दिया है कि वह चुनाव में पोस्टर बैनर और हैंडबिल आदि किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री का उपयोग नहीं करेंगे. कोर्ट के कॉरिडोर अथवा परिसर में किसी प्रकार का जुलूस निकालने और नारे लगाने पर भी रोक लगा दी है. चुनाव में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने या चुनाव प्रक्रिया में अथवा अदालत की कार्रवाई में किसी प्रकार की भी बाधा नहीं पहुंचने का निर्देश दिया गया है. मामले की सुनवाई 30 नवंबर को दिन में 2:00 बजे फिर से होगी.
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