प्रयागराज: जनपद में बाढ़ के बाद सक्रमित बीमारियों से निपटने के लिए नई शुरुआत की गई है. इसके तहत डॉक्टर और फार्मासिस्ट की टीम बाइक से गलियों में जाकर लोगों को दवा दे रही है. डॉक्टर बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर लोगों से उनका हाल पूछकर सभी बिमारियों की दवाएं दे रहे हैं. स्वास्थ विभाग की तरफ से बाइक से डॉक्टरों को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भेजकर समय रहते लोगों का इलाज करवाया जा रहा है. जिससे कि किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी अपने पांव इन इलकों में न पसार सके.
बाढ़ के बाद घटे जलस्तर से गंगा और यमुना के तटवर्ती इलाकों में संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. इसी को देखते हुए जिले के सीएमओ डॉ. नानक सरन ने नई शुरुआत की और डॉक्टरों को बाढ़ ग्रस्त इलाके में घर-घर जाने की योजना बनाई. इसके तहत एक डॉक्टर और एक फार्मासिस्ट की टीम बनाई (treatment in the streets by bike) गई. इस टीम को बाइक से बाढ़ ग्रस्त इलाके में जाकर लोगों से मिलकर लोगों से तबियत पूछकर दवाएं दने की जिम्मेदारी दी गई.
सीएमओ का यह भी कहना है बाइक से जाने पर टीम जल्दी लोगों के पास पहुंच जाएगी और लोगों को समय से इलाज मिलेंगा. इसके साथ ही स्वास्थ विभाग की दिक्कत भी कम हुई है. वरना 85 मेडिकल टीमों को भेजने के लिए 85 गाड़ियों की भी व्यवस्था करनी पड़ती. जिसके चलते 85 टीमें भेज पाना संभव न होता. लेकिन, बाइक से डॉक्टरों को भेजने की योजना कामयाब दिख रही है और लोगों को इसका सीधा फायदा भी मिल रहा है.
जिले में बाढ़ प्रभावित हर क्षेत्र तक डॉक्टरों की टीम पहुंच सके. इसके लिए पूरे जिले में डॉक्टरों की 85 टीम लगाई गई है. जो फार्मासिस्ट के साथ बाइक से गली मोहल्ले में जाकर बीमार लोगों का इलाज कर रहे हैं. जिला प्रशासन की इस नई पहल की सभी लोग सराहना कर रहे हैं. बाइक से लोगों के घरों तक जाने वाली ये टीम मुख्य रूप से वही दवाएं दे रही हैं, जो बीमारियां बाढ़ के बाद लोगों को परेशान करती है. जिसमें उल्टी-दस्त के साथ ही बुखार-ज़ुकाम और स्किन से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं.
इसके साथ ही पानी को साफ करने के लिए लोगों को क्लोरीन की गोलियां भी जा रही हैं. जिससे कि लोग पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें. क्योंकि बाढ़ के बाद गंदे पानी के इस्तेमाल से ही पेट से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही मच्छर जनित संक्रामक और संचारी रोगों के बढ़ने का भी खतरा बढ़ जाता है.
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