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पटाखों का धुआं-आवाज पशु-पक्षियों के लिए हो सकती है घातक, सुनिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ - fire-crackers pollution dangerous for pets

आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ बेजुबान जानवरों और परिंदों को भारी परेशानी होती है. पशुओं को इंसानों की तुलना में दस गुना अधिक सुनाई देता है, जिससे वो आतिशबाजी के दौरान होने वाली आवाज को कोई हमला अनहोनी समझते हैं और खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं.

'रक्षा एनजीओ' की संस्थापक व पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता
'रक्षा एनजीओ' की संस्थापक व पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता
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Published : Nov 4, 2021, 10:01 PM IST

प्रयागराज: आधुनिक जमाने में पटाखे दीपावली पर्व के पूरक बन चुके हैं. बिना पटाखे दिवाली कुछ अधूरी सी लगती है. हर बार की तरह इस बार भी लोगों ने आतिशबाजी की पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारी मात्रा में आतिशबाजी से न केवल प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, बल्कि इससे बेजुबान जानवरों और परिंदों का दम भी घुटता है. मौज-मस्ती के दौरान आतिशबाजी से होने वाला शोर पशु-पक्षियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. यह जानकारी पशुओं की देखभाल करने वाली गैर सरकारी संस्था 'रक्षा एनजीओ' की संस्थापक व पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता और पशु चिकित्सक विकास कुमार सिंह ने दी.

बेजुबानों के लिए इंसानों से ज्यादा हानिकारक है आतिशबाजी

बता दें, कि प्रकाश पर्व दीपावली खुशियों का त्योहार है. दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी इंसानों से ज्यादा पशु-पक्षियों को प्रभावित करती है. मालूम हो कि आतिशबाजी से निकलने वाली दूषित गैस और जहरीले तत्व पशु-पक्षियों के लिए बहुत ही घातक और हानिकारक हैं. वहीं, दीपावली की रात अगर, आपके पालतू जानवर बेड के नीचे या घर के किसी कोने में छिपकर बैठ गए हों तो उनकी उदासी को बीमारी मत समझिएगा. पालतू पशु दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी के शोर से दूर भागने के लिए ऐसा करते हैं.

एक्सप‌र्ट्स की मानें तो जानवरों में सुनने की क्षमता इंसानों से कहीं ज्यादा होती है. उन्हें हर पटाखे की आवाज बड़े धमाके के बराबर लगती है. पशु चिकित्सकों का कहना है कि पशुओं को इंसानों की तुलना में दस गुना अधिक सुनाई देता है. यही नहीं पशुओं को तेज रोशनी भी आंखों में चुभती है.

पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता के मुताबिक, पालतू पशु-पक्षी तेज आवाज सुनने के आदी नहीं होते हैं. पटाखों की तेज आवाज उनके लिए किसी भयंकर अनहोनी के संकेत की तरह होती है. ऐसे में धमाका होते ही यह पशु बेचैन हो जाते हैं और किसी भी दिशा में दौड़ने लग जाते हैं. वहीं, चारों तरफ धमाके होने पर पालतू कुत्ते खुद को असुरक्षित समझकर हमलावर भी हो सकते हैं. वंशिका ने कहा रोशनी के इस खूबसूरत त्योहार को मनाते हुए अपनी जिम्मेदारी का ख्याल रखें. पशु-पक्षियों के नजदीक आतिशबाजी करने से बचें, जिससे वो अपने आप को सुरक्षित महसूस करें.

ये भी पढ़ें- दिवाली की प्रीमियम मिठाई, 40 हजार रुपये किलो बिक रही केसर कस्तूरी बर्फी

आतिशबाजी से पालतू पशु-पक्षियों को होने वाली परेशानी-

1. पालतू जानवरों को अचानक होने वाली आवाज से एंग्जायटी होती है.
2. नन्हें परिंदों के कान के परदों पर असर होता है.
3. घबराहट के कारण कई जानवर सुस्त होकर खाना-पीना भी छोड़ देते दैं.
4. स्ट्रीट एनिमल्स तेज आवाज से सहम जाते हैं और उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं होती.
5. रॉकेट की आवाज और धुंए से पक्षियों को नुकसान होता है.



पालतू पशु-पक्षियों का ऐसे रखें ख्याल -

1. पालतू पशु के पास घर का कोई सदस्य मौजूद रहना चाहिए.
2. आतिशबाजी करते समय पालतू पशुओं को पटाखों की पहुंच से दूर रखें.
3. आवाज करने वाले पटाखों की जगह रोशनी वाले पटाखों का उपयोग करें.
4. यदि आस-पास कोई घायल पशु दिखाई दे तो उसके इलाज का इंतजाम करें.
5. अगर, आपके पालतू पशु के व्यवहार में कोई परिवर्तन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.
6. हमारी मस्ती बेजुबान जानवरों की मुसीबत न बन जाए, वो कुछ बोल नहीं सकते हैं. इसलिए उनका भी ध्यान रखना जरूरी है.

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प्रयागराज: आधुनिक जमाने में पटाखे दीपावली पर्व के पूरक बन चुके हैं. बिना पटाखे दिवाली कुछ अधूरी सी लगती है. हर बार की तरह इस बार भी लोगों ने आतिशबाजी की पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारी मात्रा में आतिशबाजी से न केवल प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, बल्कि इससे बेजुबान जानवरों और परिंदों का दम भी घुटता है. मौज-मस्ती के दौरान आतिशबाजी से होने वाला शोर पशु-पक्षियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. यह जानकारी पशुओं की देखभाल करने वाली गैर सरकारी संस्था 'रक्षा एनजीओ' की संस्थापक व पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता और पशु चिकित्सक विकास कुमार सिंह ने दी.

बेजुबानों के लिए इंसानों से ज्यादा हानिकारक है आतिशबाजी

बता दें, कि प्रकाश पर्व दीपावली खुशियों का त्योहार है. दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी इंसानों से ज्यादा पशु-पक्षियों को प्रभावित करती है. मालूम हो कि आतिशबाजी से निकलने वाली दूषित गैस और जहरीले तत्व पशु-पक्षियों के लिए बहुत ही घातक और हानिकारक हैं. वहीं, दीपावली की रात अगर, आपके पालतू जानवर बेड के नीचे या घर के किसी कोने में छिपकर बैठ गए हों तो उनकी उदासी को बीमारी मत समझिएगा. पालतू पशु दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी के शोर से दूर भागने के लिए ऐसा करते हैं.

एक्सप‌र्ट्स की मानें तो जानवरों में सुनने की क्षमता इंसानों से कहीं ज्यादा होती है. उन्हें हर पटाखे की आवाज बड़े धमाके के बराबर लगती है. पशु चिकित्सकों का कहना है कि पशुओं को इंसानों की तुलना में दस गुना अधिक सुनाई देता है. यही नहीं पशुओं को तेज रोशनी भी आंखों में चुभती है.

पशु प्रेमी वंशिका गुप्ता के मुताबिक, पालतू पशु-पक्षी तेज आवाज सुनने के आदी नहीं होते हैं. पटाखों की तेज आवाज उनके लिए किसी भयंकर अनहोनी के संकेत की तरह होती है. ऐसे में धमाका होते ही यह पशु बेचैन हो जाते हैं और किसी भी दिशा में दौड़ने लग जाते हैं. वहीं, चारों तरफ धमाके होने पर पालतू कुत्ते खुद को असुरक्षित समझकर हमलावर भी हो सकते हैं. वंशिका ने कहा रोशनी के इस खूबसूरत त्योहार को मनाते हुए अपनी जिम्मेदारी का ख्याल रखें. पशु-पक्षियों के नजदीक आतिशबाजी करने से बचें, जिससे वो अपने आप को सुरक्षित महसूस करें.

ये भी पढ़ें- दिवाली की प्रीमियम मिठाई, 40 हजार रुपये किलो बिक रही केसर कस्तूरी बर्फी

आतिशबाजी से पालतू पशु-पक्षियों को होने वाली परेशानी-

1. पालतू जानवरों को अचानक होने वाली आवाज से एंग्जायटी होती है.
2. नन्हें परिंदों के कान के परदों पर असर होता है.
3. घबराहट के कारण कई जानवर सुस्त होकर खाना-पीना भी छोड़ देते दैं.
4. स्ट्रीट एनिमल्स तेज आवाज से सहम जाते हैं और उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं होती.
5. रॉकेट की आवाज और धुंए से पक्षियों को नुकसान होता है.



पालतू पशु-पक्षियों का ऐसे रखें ख्याल -

1. पालतू पशु के पास घर का कोई सदस्य मौजूद रहना चाहिए.
2. आतिशबाजी करते समय पालतू पशुओं को पटाखों की पहुंच से दूर रखें.
3. आवाज करने वाले पटाखों की जगह रोशनी वाले पटाखों का उपयोग करें.
4. यदि आस-पास कोई घायल पशु दिखाई दे तो उसके इलाज का इंतजाम करें.
5. अगर, आपके पालतू पशु के व्यवहार में कोई परिवर्तन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.
6. हमारी मस्ती बेजुबान जानवरों की मुसीबत न बन जाए, वो कुछ बोल नहीं सकते हैं. इसलिए उनका भी ध्यान रखना जरूरी है.

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