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माघ मेले का आपदा प्लान तैयार, ट्रैफिक प्लान में हुए बदलाव

प्रयागराज में माघ मेले के प्रथम स्नान के मद्देनजर आपदा प्रबंधन की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा की गई. इस बार मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक प्लान में भी कुछ आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं.

जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी
जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी
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Published : Jan 13, 2021, 4:32 PM IST

प्रयागराज: माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति के मद्देनजर पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में विभागीय आपदा प्रबंधन योजनाओं की हुई बिंदुवार समीक्षा की गई, जिसमें मेले से संबंधित सभी विभागों के नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा की गई. इस वर्ष मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक प्लान में कुछ आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी

वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था

मेला के पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्रा ने बताया की "दिनांक 13 जनवरी की रात एक बजे से दिनांक 15 जनवरी की रात तक संगम क्षेत्र में प्रशासनिक चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंधित रहेगा. माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था प्लॉट नंबर 17, पांटून पुल वर्कशॉप के पास, गल्ला मंडी, दारागंज, हेलीपैड पार्किंग और काली सड़क पर यातायात पुलिस लाइन के सामने की गई है. संगम आने वाले स्नानार्थियों एवं श्रद्धालुओं को जीटी जवाहर चैराहे से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैंप से होते हुए संगम अपरमार्ग से संगम तक आना होगा.

बसों का संचालन

संगम क्षेत्र से वापसी के लिए अक्षय वट मार्ग और त्रिवेणी मार्ग चैराहे से होते हुए वापस परेड क्षेत्र में जाना होगा. यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए विभाग द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 500 अधिक बसों की व्यवस्था की है. इस वर्ष लगभग 2800 बसों को मुख्य स्नान पर्वों पर और 1800 बसों को सामान्य दिनों पर चलाया जाएगा. इसके अलावा लगभग 500 बसों को रिजर्व में रखा जा रहा है.

मुख्य स्नान पर्वों पर दो अस्थाई बस अड्डे

फाफामऊ रूट बंद होने के कारण लखनऊ और फैजाबाद रूट की बसों को सामान्य दिनों की तरह झूसी से लाया जाएगा और मुख्य स्नान पर्वों पर कोखराज-मूरतगंज होकर सिविल लाइंस तक लाया जाएगा. मुख्य स्नान पर्वों पर दो अस्थाई बस अड्डे झूंसी और लेप्रसी चैराहे पर बनाए जाएंगे. विभिन्न जोनल रेलवे से आए अधिकारियों ने बताया की ट्रेनों से आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे ने पर्याप्त मात्रा में ट्रेनों की व्यवस्था की है. मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत प्रयाग घाट(प्रयागराज संगम) रेलवे स्टेशन को मुख्य स्नान पर्वों पर बंद रखने का निर्णय लिया है. मुख्य स्नान पर्वों पर शहर में भीड़ नियंत्रण के दृष्टिगत प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइन साइड से सिर्फ निकासी का मार्ग दिया जाएगा.

मोटर बोट पर बैन

जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि किसी भी प्रकार की आकस्मिकता से लड़ने के लिए कंट्रोल रूम में हर विभाग के अधिकारी चैबीसों घंटे उपस्थित रहेंगे, जिससे अंतर विभागीय समन्वय बनाना आसान होगा. उन्होंने यह भी बताया की मुख्य स्नान पर्वों पर मोटर बोट चालन पर पूर्णता रोक रहेगी तथा मेले में आए श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मुख्य स्नान पर्वों को छोड़कर सभी दिन अक्षय वट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा.

प्रयागराज: माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति के मद्देनजर पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में विभागीय आपदा प्रबंधन योजनाओं की हुई बिंदुवार समीक्षा की गई, जिसमें मेले से संबंधित सभी विभागों के नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा की गई. इस वर्ष मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक प्लान में कुछ आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी

वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था

मेला के पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्रा ने बताया की "दिनांक 13 जनवरी की रात एक बजे से दिनांक 15 जनवरी की रात तक संगम क्षेत्र में प्रशासनिक चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंधित रहेगा. माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था प्लॉट नंबर 17, पांटून पुल वर्कशॉप के पास, गल्ला मंडी, दारागंज, हेलीपैड पार्किंग और काली सड़क पर यातायात पुलिस लाइन के सामने की गई है. संगम आने वाले स्नानार्थियों एवं श्रद्धालुओं को जीटी जवाहर चैराहे से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैंप से होते हुए संगम अपरमार्ग से संगम तक आना होगा.

बसों का संचालन

संगम क्षेत्र से वापसी के लिए अक्षय वट मार्ग और त्रिवेणी मार्ग चैराहे से होते हुए वापस परेड क्षेत्र में जाना होगा. यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए विभाग द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 500 अधिक बसों की व्यवस्था की है. इस वर्ष लगभग 2800 बसों को मुख्य स्नान पर्वों पर और 1800 बसों को सामान्य दिनों पर चलाया जाएगा. इसके अलावा लगभग 500 बसों को रिजर्व में रखा जा रहा है.

मुख्य स्नान पर्वों पर दो अस्थाई बस अड्डे

फाफामऊ रूट बंद होने के कारण लखनऊ और फैजाबाद रूट की बसों को सामान्य दिनों की तरह झूसी से लाया जाएगा और मुख्य स्नान पर्वों पर कोखराज-मूरतगंज होकर सिविल लाइंस तक लाया जाएगा. मुख्य स्नान पर्वों पर दो अस्थाई बस अड्डे झूंसी और लेप्रसी चैराहे पर बनाए जाएंगे. विभिन्न जोनल रेलवे से आए अधिकारियों ने बताया की ट्रेनों से आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे ने पर्याप्त मात्रा में ट्रेनों की व्यवस्था की है. मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत प्रयाग घाट(प्रयागराज संगम) रेलवे स्टेशन को मुख्य स्नान पर्वों पर बंद रखने का निर्णय लिया है. मुख्य स्नान पर्वों पर शहर में भीड़ नियंत्रण के दृष्टिगत प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइन साइड से सिर्फ निकासी का मार्ग दिया जाएगा.

मोटर बोट पर बैन

जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि किसी भी प्रकार की आकस्मिकता से लड़ने के लिए कंट्रोल रूम में हर विभाग के अधिकारी चैबीसों घंटे उपस्थित रहेंगे, जिससे अंतर विभागीय समन्वय बनाना आसान होगा. उन्होंने यह भी बताया की मुख्य स्नान पर्वों पर मोटर बोट चालन पर पूर्णता रोक रहेगी तथा मेले में आए श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मुख्य स्नान पर्वों को छोड़कर सभी दिन अक्षय वट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा.

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