प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईटीआई छात्रों के प्रवेश दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने व उनके प्रवेश को वैधता देने की मांग में दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश के राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद से जवाब मांगा है. साथ ही अगली सुनवाई पर जवाब न दाखिल होने पर कार्यकारी निदेशक को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने छात्र सुखवीर एवं 59 अन्य की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में याचिका पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं भोगांव आईटीआई कॉलेज से जवाब मांगा था. याचियों की ओर से भोगांव आईटीआई कॉलेज को नोटिस भी जारी किया गया था. याचिका पर महानिदेशक डीजीटी की ओर से जवाब दाखिल हो चुका है. याचियों के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने डीजीटी महानिदेशक के जवाब का प्रत्युत्तर भी दाखिल कर दिया है. याचिका में आईटीआई प्रतापपुर भोगांव जिला मैनपुरी पर प्रवेश प्रक्रिया में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है.
याचियों का कहना है कि उन्होंने कॉलेज में 30 अक्टूबर 2022 को कट ऑफ डेट के पहले प्रवेश ले लिया था. लेकिन उनके दस्तावेज को डीजीटी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया. इससे उनका प्रवेश अवैध मान लिया गया है. याचिका में डीजीटी की वेबसाइट को ओपन करने की भी मांग की गई है. ताकि उनके प्रवेश को वैधता प्रदान की जा सके. साथ ही महानिदेशक डीजीटी के 25 जनवरी 2023 के वेबसाइट ओपन न करने के आदेश को भी निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसे ही अन्य संस्थान हैं. जिन्होंने अपने छात्रों के दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं.
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