ETV Bharat / state

उत्तराखंड आपदा के बाद माघ मेले में श्रद्धालु सहमे - अमेठी से मेले में आए हुए मौनी बाबा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में श्रद्धालु और कल्पवासी सहम गए हैं. उत्तराखंड आपदा के बाद सभी का मन आशंकित है. हालांकि प्रशासन का दावा है कि आपदा का प्रयागराज में कोई असर नहीं पड़ेगा.

प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में श्रद्धालु और कल्पवासी सहम गए
प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में श्रद्धालु और कल्पवासी सहम गए
author img

By

Published : Feb 9, 2021, 2:32 PM IST

प्रयागराजः जिले में चल रहे माघ मेले में कल्पवासी सहम गए हैं. दरअसल, जब से उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही और उसके उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों पर असर पड़ने की खबर आई है, कल्पवासियों और मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. हालांकि मेला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड की तबाही का असर प्रयागराज के माघ मेले पर नहीं पड़ेगा. वहीं बढ़े हुए पानी का असर भी एक हफ्ते बाद माघ मेले में देखने को मिल सकता है. गंगाजल में बढ़े हुए जल को प्रयागराज तक पहुंचने से पहले नियंत्रित कर लिया जाएगा. वहीं प्रयागराज में अलर्ट भी घोषित कर दिया गया है.

प्रयागराज में माघ मेला
प्रयागराज में माघ मेला

उत्तराखंड की घटना के बाद बढ़ी सतर्कता
संगम नगरी में माघ मेले में गंगा नदी तट पर दोनों किनारे टेंट सिटी बसाई गई है. उत्तराखंड की तबाही को देखकर सरकार भी माघ मेले की खास निगरानी कर रही है. माघ मेला अधिकारी का कहना है कि उत्तराखंड की घटना से गंगा नदी के जलस्तर में हफ्ते भर के बाद बढ़ोत्तरी हो सकती है. पानी का स्तर इतना नहीं बढ़ेगा जिससे कि मेले पर किसी तरह का प्रभाव पड़े. उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार के हथिनी बैराज से कितना गंगाजल छोड़ा जाएगा उसको देखते हुए प्रयागराज में पहले से ही तैयारी कर ली जाएगी. उत्तराखंड से मिली जानकारी के बाद मेला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि गंगा का जल स्तर महज 70 सेंटीमीटर तक ही बढ़ेगा. हालांकि फिर भी प्रशासन ने एहतियाती कदम उठा लिए हैं.

प्रयागराज में माघ मेला
प्रयागराज में माघ मेला

उत्तराखंड की घटना के बाद अफसरों ने की बैठक
माघ मेले को लेकर जिले के अफसर आपात बैठक भी कर चुके हैं. इस बैठक में बाढ़ प्रखंड और सिंचाई विभाग से जुड़े अफसर भी शामिल थे, जो लगातार गंगा के जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं. बैठक में उन्हें सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जिले और मेले के आलाधिकारी सिंचाई विभाग के जरिए गंगा के जल स्तर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.वहीं माघ मेले में भी सभी क्षेत्रों के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को स्थिति की लगातार निगरानी करते रहने को कहा जा चुका है.

साधु-संत चिंतित
वहीं माघ मेले में आए कल्पवासियों के साथ ही साधु संत भी उत्तराखंड की घटना को लेकर चिंतित हो गए हैं. कई कल्पवासियों को उनके परिजन फोन करके कल्पवास छोड़कर वापस घर बुला रहे हैं. इसके अलावा कई कल्पवासियों के परिवार वाले उन्हें मेला क्षेत्र छोड़कर ऊपरी इलाके में भी जाने की सलाह दे रहे हैं. दूसरी तरफ अमेठी से मेले में आए हुए मौनी बाबा, मेला क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते हुए सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने मेला क्षेत्र में साइकिल पर स्पीकर बांधकर माइक पर अनाउंसमेंट भी किया. मौनी बाबा लोगों को यह समझा रहे हैं कि प्रयागराज में कोई खतरा नहीं है. हालांकि मेला क्षेत्र में भी सावधानी बरतते हुए सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए श्रद्धालुओं को रात के अंधेरे व कोहरे में घाटों पर जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

प्रयागराजः जिले में चल रहे माघ मेले में कल्पवासी सहम गए हैं. दरअसल, जब से उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही और उसके उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों पर असर पड़ने की खबर आई है, कल्पवासियों और मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. हालांकि मेला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड की तबाही का असर प्रयागराज के माघ मेले पर नहीं पड़ेगा. वहीं बढ़े हुए पानी का असर भी एक हफ्ते बाद माघ मेले में देखने को मिल सकता है. गंगाजल में बढ़े हुए जल को प्रयागराज तक पहुंचने से पहले नियंत्रित कर लिया जाएगा. वहीं प्रयागराज में अलर्ट भी घोषित कर दिया गया है.

प्रयागराज में माघ मेला
प्रयागराज में माघ मेला

उत्तराखंड की घटना के बाद बढ़ी सतर्कता
संगम नगरी में माघ मेले में गंगा नदी तट पर दोनों किनारे टेंट सिटी बसाई गई है. उत्तराखंड की तबाही को देखकर सरकार भी माघ मेले की खास निगरानी कर रही है. माघ मेला अधिकारी का कहना है कि उत्तराखंड की घटना से गंगा नदी के जलस्तर में हफ्ते भर के बाद बढ़ोत्तरी हो सकती है. पानी का स्तर इतना नहीं बढ़ेगा जिससे कि मेले पर किसी तरह का प्रभाव पड़े. उन्होंने यह भी कहा कि हरिद्वार के हथिनी बैराज से कितना गंगाजल छोड़ा जाएगा उसको देखते हुए प्रयागराज में पहले से ही तैयारी कर ली जाएगी. उत्तराखंड से मिली जानकारी के बाद मेला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि गंगा का जल स्तर महज 70 सेंटीमीटर तक ही बढ़ेगा. हालांकि फिर भी प्रशासन ने एहतियाती कदम उठा लिए हैं.

प्रयागराज में माघ मेला
प्रयागराज में माघ मेला

उत्तराखंड की घटना के बाद अफसरों ने की बैठक
माघ मेले को लेकर जिले के अफसर आपात बैठक भी कर चुके हैं. इस बैठक में बाढ़ प्रखंड और सिंचाई विभाग से जुड़े अफसर भी शामिल थे, जो लगातार गंगा के जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं. बैठक में उन्हें सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जिले और मेले के आलाधिकारी सिंचाई विभाग के जरिए गंगा के जल स्तर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.वहीं माघ मेले में भी सभी क्षेत्रों के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को स्थिति की लगातार निगरानी करते रहने को कहा जा चुका है.

साधु-संत चिंतित
वहीं माघ मेले में आए कल्पवासियों के साथ ही साधु संत भी उत्तराखंड की घटना को लेकर चिंतित हो गए हैं. कई कल्पवासियों को उनके परिजन फोन करके कल्पवास छोड़कर वापस घर बुला रहे हैं. इसके अलावा कई कल्पवासियों के परिवार वाले उन्हें मेला क्षेत्र छोड़कर ऊपरी इलाके में भी जाने की सलाह दे रहे हैं. दूसरी तरफ अमेठी से मेले में आए हुए मौनी बाबा, मेला क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते हुए सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने मेला क्षेत्र में साइकिल पर स्पीकर बांधकर माइक पर अनाउंसमेंट भी किया. मौनी बाबा लोगों को यह समझा रहे हैं कि प्रयागराज में कोई खतरा नहीं है. हालांकि मेला क्षेत्र में भी सावधानी बरतते हुए सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए श्रद्धालुओं को रात के अंधेरे व कोहरे में घाटों पर जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.