ETV Bharat / state

प्रयागराज: एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को भेजा जेल

एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पूर्व विधायक के खिलाफ विचाराधीन मामले की सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय की गई है.

एमपी-एमएलए कोर्ट.
author img

By

Published : Jul 2, 2019, 10:52 PM IST

प्रयागराज: एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को जेल भेज दिया है. 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में चर्चा में आये अंबेडकरनगर निवासी पूर्व विधायक पवन पाण्डेय अदालत में समर्पण करने पर विशेष जज एमपी-एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. मामले की सुनवाई प्रकरण में 27 अगस्त की तिथि निश्चित की गई है.

जानकारी देते वकील.

जानें पूरा मामला-
लखनऊ के हजरत गंज थाने में 29 अक्टूबर 1995 को वादी विजय कुमार यादव की लिखाई गयी रिपोर्ट, जिसमें उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव की हत्या किये जाने में पूर्व मंत्री अंगत यादव, रामेढ कालिया, सूरज पाल और कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. पवन पाण्डेय का नाम बाद में विवेचना में अपराधियों का सहयोग और शरण देने में प्रकाश में आया था. पवन पांडेय के खिलाफ धारा 216 में आरोप पत्र दाखिल हुआ, जबकि अन्य को 147,148,149,302 में आरोपी बनाया गया.

पूरे मामले में जमानत कराने के बाद पवन पाण्डेय न्यायालय में हाजिर नहीं हुए. उनके खिलाफ 2001 में गैर जमानती वारंट जारी हुआ. फिर बाद में 82 का आदेश जारी हुआ. पवन पाण्डेय की तरफ से पक्ष रखा गया कि उनके अधिवक्ता गोविंद नारायण मिश्र जो 2001 में एमएलए हो गए और बाद में मंत्री. इसी कारण मुकदमे की जानकारी नहीं हो सकी. न्यायालय ने उनकी इस याचना को खारिज करते हुए जेल भेजे जाने का आदेश दिया. साथ ही जेल मैनुअल के अनुसार पवन पाण्डेय को सुविधा दिए जाने का आदेश दिया. सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश ने पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया.

प्रयागराज: एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को जेल भेज दिया है. 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में चर्चा में आये अंबेडकरनगर निवासी पूर्व विधायक पवन पाण्डेय अदालत में समर्पण करने पर विशेष जज एमपी-एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. मामले की सुनवाई प्रकरण में 27 अगस्त की तिथि निश्चित की गई है.

जानकारी देते वकील.

जानें पूरा मामला-
लखनऊ के हजरत गंज थाने में 29 अक्टूबर 1995 को वादी विजय कुमार यादव की लिखाई गयी रिपोर्ट, जिसमें उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव की हत्या किये जाने में पूर्व मंत्री अंगत यादव, रामेढ कालिया, सूरज पाल और कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. पवन पाण्डेय का नाम बाद में विवेचना में अपराधियों का सहयोग और शरण देने में प्रकाश में आया था. पवन पांडेय के खिलाफ धारा 216 में आरोप पत्र दाखिल हुआ, जबकि अन्य को 147,148,149,302 में आरोपी बनाया गया.

पूरे मामले में जमानत कराने के बाद पवन पाण्डेय न्यायालय में हाजिर नहीं हुए. उनके खिलाफ 2001 में गैर जमानती वारंट जारी हुआ. फिर बाद में 82 का आदेश जारी हुआ. पवन पाण्डेय की तरफ से पक्ष रखा गया कि उनके अधिवक्ता गोविंद नारायण मिश्र जो 2001 में एमएलए हो गए और बाद में मंत्री. इसी कारण मुकदमे की जानकारी नहीं हो सकी. न्यायालय ने उनकी इस याचना को खारिज करते हुए जेल भेजे जाने का आदेश दिया. साथ ही जेल मैनुअल के अनुसार पवन पाण्डेय को सुविधा दिए जाने का आदेश दिया. सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश ने पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया.

Intro: एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक पवन पाण्डे को भेजा जेल

7000668169

प्रयागराज: एमपी एमएलए कोर्ट ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में चर्चा में आये अम्बेडकरनगर निवासी पूर्व विधायक पवन पाण्डेय अदालत में समर्पण करने पर विशेष जज एमपी एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. मामले की सुनवाई प्रकरण में 27 अगस्त की तिथि निश्चित की गई है.




Body:यह था पूरा मामला

लखनऊ के हज़रत गंज थाने में 29 अक्टूबर 1995 को वादी विजय कुमार यादव की लिखाई गयी रिपोर्ट जिसमे उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव की हत्या किये जाने में पूर्व मंत्री अंगत यादव,रामेढ कालिया,सूरज पाल और कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. पवन पाण्डे का नाम बाद में विवेचना में अपराधियों का सहयोग व शरण देने में प्रकाश में आया था. पवन पांडेय के खिलाफ धारा 216 में आरोप पत्र दाखिल हुआ जबकि अन्य को 147,148,149,302 भा.द. विधान में आरोपित किया गया.


Conclusion:उक्त प्रकरण में जमानत कराने के बाद पवन पाण्डे न्यायालय में हाज़िर नहीं हुए और उनके खिलाफ 2001 में गैर जमानती वारण्ट हो गया बाद में 82 का आदेश बजी हुआ. पवन पाण्डे की तरफ से पक्ष रखा गया कि उनके अधिवक्ता गोविंद नारायण मिश्र जो 2001 में एमएलए हो गए और बाद में मिनिस्टर इसी कारण मुकद्दमे की जानकारी नहीं हो सकी,न्यायालय द्वारा उनकी इस याचना को खारिज करते हुए जेल भेजे जाने का आदेश दिया साथ ही जेल मैन्युअल के अनुसार पवन पाण्डेय को सुविधा दिए जाने का आदेश किया. सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश ने पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.