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हाईकोर्ट ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई - Ban on arrest of Mukhtar's son

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी व अन्य को मिला अंतरिम संरक्षण बढ़ा दिया है.

हाईकोर्ट ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई
हाईकोर्ट ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई
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Published : Apr 27, 2022, 9:13 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी व अन्य को मिला अंतरिम संरक्षण बढ़ा दिया है. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि जवाबी हलफनामा याची को दे दिया गया है. उसे शीघ्र ही दाखिल कर दिया जाएगा. कोर्ट ने याची को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

याची पर विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप है. कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका पर दिया है. उल्लेखनीय है कि अब्बास अंसारी ने विधानसभा चुनाव के दौरान बयान दिया था कि यूपी में सरकार बदलने के बाद अफसरों को 6 महीने नहीं हटने दिया जाएगा और उनसे पहले हिसाब लिया जाएगा. उन्होंने दावा किया था कि अखिलेश यादव से उनकी बात भी हो चुकी है.

चुनाव आयोग ने इस बयान पर अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगाई थी. आयोग ने इस मामले पर FIR भी दर्ज कराई थी. अब्बास अंसारी की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में चुनाव आयोग पहले ही कार्रवाई कर चुका है. ऐसे में कोई आपराधिक केस नहीं बनता है.

इसे पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसाः आशीष मिश्रा के मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को किया केस से अलग, पहले दी थी बेल

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी व अन्य को मिला अंतरिम संरक्षण बढ़ा दिया है. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि जवाबी हलफनामा याची को दे दिया गया है. उसे शीघ्र ही दाखिल कर दिया जाएगा. कोर्ट ने याची को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

याची पर विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप है. कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका पर दिया है. उल्लेखनीय है कि अब्बास अंसारी ने विधानसभा चुनाव के दौरान बयान दिया था कि यूपी में सरकार बदलने के बाद अफसरों को 6 महीने नहीं हटने दिया जाएगा और उनसे पहले हिसाब लिया जाएगा. उन्होंने दावा किया था कि अखिलेश यादव से उनकी बात भी हो चुकी है.

चुनाव आयोग ने इस बयान पर अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगाई थी. आयोग ने इस मामले पर FIR भी दर्ज कराई थी. अब्बास अंसारी की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में चुनाव आयोग पहले ही कार्रवाई कर चुका है. ऐसे में कोई आपराधिक केस नहीं बनता है.

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