प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 5 सितंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा. जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की कमेटी में बुधवार को अंतिम मुहर लगा दी. विश्वविद्यालय के विधि संकाय में गवर्निंग काउंसिल और विद्युत परिषद की एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में पदक पाने वाले नामों पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, जिसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी गई है.
- दो दिन पहले एक पूर्व प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में पदको में नाम के चयन को लेकर सवाल उठाया था.
- उनका कहना था कि दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले पदकों में नाम का चयन प्रक्रिया के द्वारा नहीं किया गया है.
- प्रोफेसर के इस विवादित बयान पर विश्वविद्यालय की कोर कमेटी और कार्यकारी अध्यक्ष ने इसका खंडन किया.
- जिसकी जानकारी कार्यक्रम के अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को दी.
- कार्यक्रम के अध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालय अपनी गोपनीय बातों को किसी के साथ नहीं शेयर कर सकता.
- जिसके संबंध में बुधवार को अंतिम बैठक विश्वविद्यालय प्रशासन की गवर्निंग काउंसिल और विद्युत परिषद की हुई थी.
- जिसमें औपचारिक रूप से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 5 सितंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित कराने का निर्णय लिया गया.
ये भी पढ़ें- बहराइच दौरे पर बोले मुख्यमंत्री योगी, विपक्षी पार्टियों के एजेंडे में नहीं था विकास
दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले पदक के लिए विभाग, कार्य परिषद, विद्युत परिषद से मिलने वाले नामों को चयन बैठक के बाद तय होता है. उसी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए यह बैठक अंतिम रूप से तय कर पूरी जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय को भेज दी गई.
-राम सेवक दुबे, प्रॉक्टर