प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को तलब कर लिया है. हाईकोर्ट के आदेश का पालन न होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को भी अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. आर पी वर्मा व अन्य सहित दर्जनों अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया.
इस प्रकरण में कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को 10 जनवरी को भी तलब किया था. उनसे कोर्ट के आदेश का अनुपालन न किए जाने पर सवाल पूछा गया तो प्रमुख सचिव बेसिक ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि इस मामले में स्पेशल अपील दाखिल है. जिसकी सुनवाई 11 जनवरी को होनी थी. अपील पर सुनवाई के बाद 15 दिन के भीतर कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया जाएगा. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए सात फरवरी की तारीख नियत की थी.
मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा पुनः अदालत में उपस्थित हुए. उनकी ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि प्रकरण अपर मुख्य सचिव वित्त के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए कोर्ट के आदेश के अनुपालन हेतु कुछ और समय दिए जाने की मांग की गई. इस पर अदालत का कहना था कि इससे पूर्व की तिथि पर प्रमुख सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि 15 दिन के भीतर कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया जाएगा. अदालत ने उनको इस शर्त पर समय दिया था कि यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो प्रमुख सचिव यह बतायें कि उनके विरुद्ध अवमानना के कितने मामले लंबित हैं. इस पर प्रमुख सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि अदालत में कुल 77 अवमानना के मामले लंबित हैं, जिनमें वह पक्षकार बनाए गए हैं .
इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह इस बात पर विचार करें कि जिस अधिकारी के विरुद्ध इतने अधिक मामले लंबित हैं. क्या वह सेवा में रहने के योग्य हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रमुख सचिव पर आपराधिक अवमानना का केस चलाया जाना चाहिए और उनके सर्विस रिकॉर्ड रिकॉर्ड में एंट्री की जानी चाहिए. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को भी कहा है कि वह कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहेंगे. मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.