प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या के आरोपी सुरक्षा गार्ड बुलंदशहर के मोहम्मद शारिब की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है और परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ियों की चेन टूटी है, जिसे मुकदमे के ट्रायल में स्पष्ट किया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव ने दिया है.
मामले के तथ्यों के अनुसार मोहम्मद यूनुस ने 13 अक्तूबर 2018 को बुलंदशहर के कोतवाली नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया कि 9/10 अक्तूबर 2018 की रात पूर्व विधायक हाजी अलीम की बंद कमरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
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पुलिस ने विवेचना के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी तो जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई. सीबीसीआईडी ने चार्जशीट दाखिल कर याची पर हत्या करने का आरोप लगाया. याची 19 मार्च 2020 से जेल में बंद हैं. उस पर योजनाबद्ध तरीके से हत्या करने का आरोप है. आरोपी पूर्व विधायक के साथ कमरे में सोया था, लेकिन कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. इस पर कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.