ETV Bharat / state

Mahant Narendra Giri Death Case: आरोपी आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार रवाना हुई CBI - आरोपी आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार रवाना हुई CBI

महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध सुसाइड मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर देहरादून पहुंच गई है. इसके साथ ही सीबीआई आनंद गिरि हरिद्वार ले जाकर पूछताछ करेगी. सीबीआई आनंद गिरि से हरिद्वार में अहम स्थानों पर ले जाकर पूछताछ करेगी. जिससे नरेंद्र गिरि की मौत के मामले का पर्दाफाश किया जा सके.

आरोपी आनंद गिरि को हरिद्वार लेकर रवाना हुई सीबीआई.
आरोपी आनंद गिरि को हरिद्वार लेकर रवाना हुई सीबीआई.
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:29 PM IST

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले से जुड़ी बड़ी खबर से आ रही है. सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर देहरादून पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि देहरादून से हरिद्वार ले जाकर सीबीआई टीम आनंद गिरि से पूछताछ करेगी. इसके साथ ही सीबीआई की टीम आनंद गिरि को उनके हरिद्वार स्थित सील आश्रम में भी ले जा सकती है. जहां कथित वीडियो की बरामदगी के लिए आश्रम की तलाशी ली जा सकती है.

7 दिनों तक सीबीआई की रिमांड पर रहने के बाद आनंद गिरि कई बड़े खुलासे कर सकता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तार प्रयागराज के बाद सबसे अधिक अगर कहीं जुड़ते हैं तो वह है धर्म नगरी हरिद्वार है. यहां रहकर वह कौन लोग थे जो महंत नरेंद्र गिरि को लगातार कॉल कर रहे थे?

आखिरकार वह कौन सा राज था जिसके बारे में आनंद गिरि जानता था. वह लगातार नरेंद्र गिरि को फोन कर रहा था. आखिरकार वह कौन से प्रॉपर्टी डीलर हैं जो अखाड़े की संपत्ति को बेच कर करोड़पति बने हैं? वह कौन लोग हैं जिन्होंने नरेंद्र गिरि को मौत से पहले कई कॉल किए. ऐसे न जाने कितने सवालों के जवाब ढूंढने के लिए सीबीआई हरिद्वार आ गई है.

हरिद्वार पहुंचा आनंद गिरि.

एक समय था जब हरिद्वार में सिर्फ अखाड़ों की संपत्ति हुआ करती थी. जानकार बताते हैं कि हरिद्वार में अगर विशालकाय कंक्रीट का जंगल खड़ा हुआ है तो उसमें 50% से अधिक जमीन अखाड़ों की है. इसमें निरंजनी अखाड़ा महत्वपूर्ण है. सालों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ-साथ कई बीघा में फैली अखाड़ों की संपत्ति धीरे-धीरे कम होती चली गई. इसमें सबसे अधिक अगर किसी ने मौज काटी तो वो हरिद्वार के प्रॉपर्टी डीलर थे.

बताया जाता है कि नरेंद्र गिरि भी संपत्ति विवाद के चलते ही अपने शिष्य आनंद गिरि से परेशान हो गए थे. नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी यह साफ लिखा है कि आनंद गिरि उन्हें लगातार किसी मामले के चलते ब्लैकमेल कर रहे थे. ऐसे में अब सीबीआई न केवल आनंद गिरि को उन जगहों पर ले जाएगी. जहां पर सीबीआई को कुछ सबूत मिल सकते हैं बल्कि उन संतों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी जहां आनंद गिरि का अक्सर आना-जाना रहता था.

देहरादून पहुंचा आनंद गिरि.

सीबीआई की टीम हरिद्वार के श्यामपुर स्थित आश्रम में आनंद गिरि को लेकर जाएगी, जहां आनंद गिरि के सपनों का आश्रम या यह कहें तथाकथित होटल जैसा एक आलीशान आश्रम तैयार हो रहा था. जिसमें वह हर सुख-सुविधा बनवाई जा रही थी जो शायद ही गृहस्थ जीवन में भी एक आम इंसान के पास नहीं होती. गंगा किनारे बने इस आश्रम को हालांकि प्रशासन पहले ही सील कर चुका है, लेकिन सीबीआई को लगता है कि वहां पर मौजूद कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य मोबाइल जो आनंद गिरि अक्सर इस्तेमाल करता था उनको बरामद करके कई तरह के सबूत जुटाये जा सकते हैं.

इतना ही नहीं सीबीआई हरिद्वार स्थित भूपतवाला के नजदीक एक आश्रम में पहुंचकर उन संत से भी पूछताछ कर सकती है जिनके बेटे के साथ आनंद गिरि के घनिष्ठ संबंध थे. सीबीआई ऋषिकेश के आश्रम में भी आनंद गिरि को ले जा सकती है. जहां पर आनंद गिरि हफ्ते में एक या दो दिन बिताया करते थे.

बताया जा रहा है कि लगभग 15 से अधिक फोन कॉल ऐसे हैं जो आनंद गिरि की फोन कॉल डिटेल से बरामद हुए हैं. उन सभी को सीबीआई पहले ही फोन कर इस मामले में जानकारी ले चुकी है. बहरहाल नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे का राज क्या है? आनंद गिरि को हरिद्वार लाने के बाद क्या राज खुलेगा? सीबीआई जिन लोगों से पूछताछ करेगी वह किस तरह से इस पूरे मामले में एक मजबूत कड़ी साबित हो सकते हैं, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन कल जिस तरह से हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की श्रद्धांजलि सभा में चार संत जुटे थे और तमाम उद्योगपति, संत और उनसे जुड़े लोगों ने दूरी बनाई थी, उससे यह साफ है कि वह तमाम लोग सीबीआई के हरिद्वार आने से भयभीत जरूर हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत कई सवाल छोड़कर गई है. इस मामले में जेल में बंद आनंद गिरि, आद्या तिवारी, संदीप तिवारी को CBI रिमांड मंजूर कर ली गई है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में इन तीनों लोगों को रिमांड पर लेने की अर्जी सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को स्वीकार कर ली. इन तीनों को 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक रिमांड पर भेजा गया है.

महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में सीबीआई को तीनों आरोपियों की सात दिन की रिमांड मिली है. 28 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक सीबीआई रिमांड पर लेकर तीनों आरोपियों से पूछताछ करेगी. रिमांड मंजूर करने से पहले कोर्ट ने आरोपियों का वीसी के जरिये पक्ष सुना.

सीबीआई ने नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए तीनों आरोपियों से पूछताछ जरूरी है. महंत ने अपनी मौत से पहले कथित सुसाइड नोट में इन तीनों ही आरोपियों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं उन्होंने इन तीनों को ही अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है.

इसे भी पढे़ं- नरेंद्र गिरि मौत मामला: आनंद गिरि,आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सीबीआई रिमांड पर

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले से जुड़ी बड़ी खबर से आ रही है. सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर देहरादून पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि देहरादून से हरिद्वार ले जाकर सीबीआई टीम आनंद गिरि से पूछताछ करेगी. इसके साथ ही सीबीआई की टीम आनंद गिरि को उनके हरिद्वार स्थित सील आश्रम में भी ले जा सकती है. जहां कथित वीडियो की बरामदगी के लिए आश्रम की तलाशी ली जा सकती है.

7 दिनों तक सीबीआई की रिमांड पर रहने के बाद आनंद गिरि कई बड़े खुलासे कर सकता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तार प्रयागराज के बाद सबसे अधिक अगर कहीं जुड़ते हैं तो वह है धर्म नगरी हरिद्वार है. यहां रहकर वह कौन लोग थे जो महंत नरेंद्र गिरि को लगातार कॉल कर रहे थे?

आखिरकार वह कौन सा राज था जिसके बारे में आनंद गिरि जानता था. वह लगातार नरेंद्र गिरि को फोन कर रहा था. आखिरकार वह कौन से प्रॉपर्टी डीलर हैं जो अखाड़े की संपत्ति को बेच कर करोड़पति बने हैं? वह कौन लोग हैं जिन्होंने नरेंद्र गिरि को मौत से पहले कई कॉल किए. ऐसे न जाने कितने सवालों के जवाब ढूंढने के लिए सीबीआई हरिद्वार आ गई है.

हरिद्वार पहुंचा आनंद गिरि.

एक समय था जब हरिद्वार में सिर्फ अखाड़ों की संपत्ति हुआ करती थी. जानकार बताते हैं कि हरिद्वार में अगर विशालकाय कंक्रीट का जंगल खड़ा हुआ है तो उसमें 50% से अधिक जमीन अखाड़ों की है. इसमें निरंजनी अखाड़ा महत्वपूर्ण है. सालों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ-साथ कई बीघा में फैली अखाड़ों की संपत्ति धीरे-धीरे कम होती चली गई. इसमें सबसे अधिक अगर किसी ने मौज काटी तो वो हरिद्वार के प्रॉपर्टी डीलर थे.

बताया जाता है कि नरेंद्र गिरि भी संपत्ति विवाद के चलते ही अपने शिष्य आनंद गिरि से परेशान हो गए थे. नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी यह साफ लिखा है कि आनंद गिरि उन्हें लगातार किसी मामले के चलते ब्लैकमेल कर रहे थे. ऐसे में अब सीबीआई न केवल आनंद गिरि को उन जगहों पर ले जाएगी. जहां पर सीबीआई को कुछ सबूत मिल सकते हैं बल्कि उन संतों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी जहां आनंद गिरि का अक्सर आना-जाना रहता था.

देहरादून पहुंचा आनंद गिरि.

सीबीआई की टीम हरिद्वार के श्यामपुर स्थित आश्रम में आनंद गिरि को लेकर जाएगी, जहां आनंद गिरि के सपनों का आश्रम या यह कहें तथाकथित होटल जैसा एक आलीशान आश्रम तैयार हो रहा था. जिसमें वह हर सुख-सुविधा बनवाई जा रही थी जो शायद ही गृहस्थ जीवन में भी एक आम इंसान के पास नहीं होती. गंगा किनारे बने इस आश्रम को हालांकि प्रशासन पहले ही सील कर चुका है, लेकिन सीबीआई को लगता है कि वहां पर मौजूद कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य मोबाइल जो आनंद गिरि अक्सर इस्तेमाल करता था उनको बरामद करके कई तरह के सबूत जुटाये जा सकते हैं.

इतना ही नहीं सीबीआई हरिद्वार स्थित भूपतवाला के नजदीक एक आश्रम में पहुंचकर उन संत से भी पूछताछ कर सकती है जिनके बेटे के साथ आनंद गिरि के घनिष्ठ संबंध थे. सीबीआई ऋषिकेश के आश्रम में भी आनंद गिरि को ले जा सकती है. जहां पर आनंद गिरि हफ्ते में एक या दो दिन बिताया करते थे.

बताया जा रहा है कि लगभग 15 से अधिक फोन कॉल ऐसे हैं जो आनंद गिरि की फोन कॉल डिटेल से बरामद हुए हैं. उन सभी को सीबीआई पहले ही फोन कर इस मामले में जानकारी ले चुकी है. बहरहाल नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे का राज क्या है? आनंद गिरि को हरिद्वार लाने के बाद क्या राज खुलेगा? सीबीआई जिन लोगों से पूछताछ करेगी वह किस तरह से इस पूरे मामले में एक मजबूत कड़ी साबित हो सकते हैं, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन कल जिस तरह से हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की श्रद्धांजलि सभा में चार संत जुटे थे और तमाम उद्योगपति, संत और उनसे जुड़े लोगों ने दूरी बनाई थी, उससे यह साफ है कि वह तमाम लोग सीबीआई के हरिद्वार आने से भयभीत जरूर हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत कई सवाल छोड़कर गई है. इस मामले में जेल में बंद आनंद गिरि, आद्या तिवारी, संदीप तिवारी को CBI रिमांड मंजूर कर ली गई है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में इन तीनों लोगों को रिमांड पर लेने की अर्जी सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को स्वीकार कर ली. इन तीनों को 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक रिमांड पर भेजा गया है.

महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में सीबीआई को तीनों आरोपियों की सात दिन की रिमांड मिली है. 28 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक सीबीआई रिमांड पर लेकर तीनों आरोपियों से पूछताछ करेगी. रिमांड मंजूर करने से पहले कोर्ट ने आरोपियों का वीसी के जरिये पक्ष सुना.

सीबीआई ने नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए तीनों आरोपियों से पूछताछ जरूरी है. महंत ने अपनी मौत से पहले कथित सुसाइड नोट में इन तीनों ही आरोपियों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं उन्होंने इन तीनों को ही अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है.

इसे भी पढे़ं- नरेंद्र गिरि मौत मामला: आनंद गिरि,आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सीबीआई रिमांड पर

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.