प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में नामजद अतीक अहमद के नाबालिग बेटों अहजम और अबान के कथित तौर पर लापता होने के मामले में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सीजेएम अदालत की सुनवाई के बाद पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने दोनों बेटों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख लगाई है. कोर्ट ने कहा कि इसी बिंदु को लेकर सीजेएम अदालत प्रयागराज में अर्जी लंबित है.
ऐसे इस याचिका को वहां सुनवाई के बाद 23 मार्च को प्रस्तुत किया जाए. याचिका में उमेश पाल की हत्या के बाद गायब अतीक अहमद दोनों नाबालिग बेटों को हाजिर करने की मांग की गई है. इसी बात को लेकर प्रयागराज की सीजेएम अदालत में भी अर्जी दाखिल है, जिस पर धूमनगंज पुलिस से स्पष्ट रिपोर्ट मांगी गई है. सीजेएम अदालत में अगली सुनवाई 17 मार्च को होनी है.
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ की बीवी जैनब फातिमा और दो अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को अशरफ के ससुर मंसूर अहमद की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद दिया. अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की बीवी जैनब फातिमा, अतीक की बहन आयशा नूरी और उनकी बेटी उनजिला नूरी की अवैध हिरासत को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में तीनों को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है. पुलिस ने इन तीनों को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले मे पूछ ताछ के लिए उठाया था. हालांकि तीनों को मुचलके पर छोड़ दिया गया है.
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