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SHUATS University : चांसलर और वाइस चांसलर समेत कई पर मुकदमा दर्ज, ये है मामला

शुआट्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख जिम्मेदारों के खिलाफ यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट की तरफ से ये केस दर्ज करवाया गया है. यूपी एसटीएफ शुआट्स से जुड़े कुल 5 मामलों की जांच कर रही है, जिसमें से वित्तीय गड़बड़ी और नियुक्ति में धांधली व मनमानी मिलने के मामले में एसटीएफ ने दो अलग-अलग मुकदमें दर्ज करवाए हैं.

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शुआट्स यूनिवर्सिटी
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Published : Feb 3, 2023, 9:19 AM IST

एसटीएफ डीएसपी नवेंदु सिंह

प्रयागराजः सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज(SHUATS) के कुलाधिपति कुलपति समेत 12 लोगों के खिलाफ नैनी थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं. शुआट्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख जिम्मेदारों के खिलाफ यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट की तरफ से ये केस दर्ज करवाया गया है. इसमें धोखाधड़ी-हेरफेर से लेकर शैक्षिणक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती करने के आरोप हैं. इसके साथ ही झूठे पते पर असलहों के लाइसेंस हासिल करने का भी मामला चल रहा था.

मामले में दो-दो बार फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है, लेकिन अब एसटीएफ ने उस मामले की फिर से जांच करवाए जाने की संस्तुति कर दी है. इसके बाद वीसी आरबी लाल के असलहे लेने के मामले की तीसरी बार जांच होगी. यूपी एसटीएफ शुआट्स से जुड़े कुल 5 मामलों की जांच कर रही है, जिसमें से वित्तीय गड़बड़ी और नियुक्ति में धांधली व मनमानी मिलने के मामले में एसटीएफ ने दो अलग-अलग मुकदमें दर्ज करवाए हैं. जांच में एसटीएफ को इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कुलपति से लेकर कई दूसरे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ साक्ष्य हासिल हुए हैं. इसके बाद एसटीएफ ने सभी के खिलाफ नैनी थाने के मुकदमा दर्ज करवा दिया है.

वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में दर्ज हुआ मुकदमा
एसटीएफ की तरफ से नैनी थाने में दर्ज करवाई गयी एक एफआईआर में शुआट्स के कुलपति व प्रशासनिक सहयोगियों पर वित्तीय गड़बड़ियों समेत लेनदेन में धांधली करने के आरोप लगाए गए हैं. इसकी जानकारी ऑडिट में भी पकड़ी गयी है. उसी तरह की गड़बड़ी एसटीएफ को भी जांच में मिली है. जांच में एसटीएफ को पता चला है कि शुआट्स के कुलपति व विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रसार योजना, आयोजन, सुदृढीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिना सत्यापन के ही मनमाने ढंग से तमाम तरह के भुगतान किए गए हैं.

इसके साथ ही वेतन और भत्ता के निर्धारण में गड़बड़ी की गई. साथ ही वेतन, भुगतान और ठेकेदारों से कार्य करवाने में वित्तीय गड़बडियां की गई हैं. इस तरह की वित्तीय गड़बड़ियों के जरिए करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता की गयी है, जिसकी जानकारी और कुछ साक्ष्य मिलने के बाद विश्वविद्यालय के चांसलर वाइस चांसलर और प्रोफेसर समेत अन्य जिममेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है. वहीं, सूत्रों से जानकारी मिली है कि नैनी पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद शुआट्स के प्रो वाइस चांसलर और एक अन्य अफसर को हिरासत में भी लिया है.

नियुक्ति में धांधली मनमानी करने का भी आरोप
शुआट्स के चांसलर समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज दूसरे मुकदमें में भर्तियों में धांधली करने का आरोप है. नैनी थाने में दर्ज एसटीएफ की दूसरी एफआईआर में आरोप है कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एशोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तियों में अवैध एवं नियम विरूद्ध तरीके इस्तेमाल किए गए हैं. एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि 1984 से लेकर 2017 तक में हुई 69 शिक्षको की भर्ती में नियमों की अनदेखी की गयी है. नियम विपरीत की गई भर्तियों में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोशिएट प्रोफेसर के पद शामिल हैं.

33 सालों में की गयी 67 नियुक्तियों में निर्धारित अनिवार्य योग्यता का पालन नहीं किया गया. भर्ती से जुड़े पदों का विज्ञापन दो प्रख्यात समाचार पत्रों में नही करवाया गया. विज्ञापन की अवधि का निश्चित मापदंड निर्धारित नहीं किया गया. इंटरव्यू में योग्य अभ्यर्थियों बुलावा पत्र नहीं भेजा गया और चयन के बाद नियुक्ति पत्र प्रसारित न करने समेत तमाम आरोप हैं.

किसके-किसके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
1. कुलाधिपति जे ए ऑलिवर एवं इनके सहयोगी
2. कुलपति डॉ राजेन्द्र बिहारी लाल
3. तत्कालीन रजिस्ट्रार अजय कुमार लरेन्स
4. प्रतिकुलपति सुनील बी. लाल
5. तत्कालीन निदेशक एचआरएम बिनोद बिहारी लाल
6. रजिस्ट्रार रबिन एल प्रसाद
7. तत्कालीन वित्त निदेशक स्टीफेन दास
8. डीन डॉ. मोहम्मद इम्तियाज
9. प्रतिकुलपति डॉ सर्वजीत हर्बट
10. तत्कालीन निदेशक एचआरएम रजन ए जॉन
11. कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह तथा अज्ञात
12. प्रशासनिक अधिकारीगणों एवं उनके साथ अन्य सहयोगी व्यक्तियों
13. 1984 से 2017 के बीच अवैध पेमेंट की मंजूरी देने वाले वित्तीय अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.

एसटीएफ डीएसपी नवेंदु सिंह

प्रयागराजः सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज(SHUATS) के कुलाधिपति कुलपति समेत 12 लोगों के खिलाफ नैनी थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं. शुआट्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख जिम्मेदारों के खिलाफ यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट की तरफ से ये केस दर्ज करवाया गया है. इसमें धोखाधड़ी-हेरफेर से लेकर शैक्षिणक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती करने के आरोप हैं. इसके साथ ही झूठे पते पर असलहों के लाइसेंस हासिल करने का भी मामला चल रहा था.

मामले में दो-दो बार फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है, लेकिन अब एसटीएफ ने उस मामले की फिर से जांच करवाए जाने की संस्तुति कर दी है. इसके बाद वीसी आरबी लाल के असलहे लेने के मामले की तीसरी बार जांच होगी. यूपी एसटीएफ शुआट्स से जुड़े कुल 5 मामलों की जांच कर रही है, जिसमें से वित्तीय गड़बड़ी और नियुक्ति में धांधली व मनमानी मिलने के मामले में एसटीएफ ने दो अलग-अलग मुकदमें दर्ज करवाए हैं. जांच में एसटीएफ को इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कुलपति से लेकर कई दूसरे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ साक्ष्य हासिल हुए हैं. इसके बाद एसटीएफ ने सभी के खिलाफ नैनी थाने के मुकदमा दर्ज करवा दिया है.

वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में दर्ज हुआ मुकदमा
एसटीएफ की तरफ से नैनी थाने में दर्ज करवाई गयी एक एफआईआर में शुआट्स के कुलपति व प्रशासनिक सहयोगियों पर वित्तीय गड़बड़ियों समेत लेनदेन में धांधली करने के आरोप लगाए गए हैं. इसकी जानकारी ऑडिट में भी पकड़ी गयी है. उसी तरह की गड़बड़ी एसटीएफ को भी जांच में मिली है. जांच में एसटीएफ को पता चला है कि शुआट्स के कुलपति व विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रसार योजना, आयोजन, सुदृढीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिना सत्यापन के ही मनमाने ढंग से तमाम तरह के भुगतान किए गए हैं.

इसके साथ ही वेतन और भत्ता के निर्धारण में गड़बड़ी की गई. साथ ही वेतन, भुगतान और ठेकेदारों से कार्य करवाने में वित्तीय गड़बडियां की गई हैं. इस तरह की वित्तीय गड़बड़ियों के जरिए करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता की गयी है, जिसकी जानकारी और कुछ साक्ष्य मिलने के बाद विश्वविद्यालय के चांसलर वाइस चांसलर और प्रोफेसर समेत अन्य जिममेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है. वहीं, सूत्रों से जानकारी मिली है कि नैनी पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद शुआट्स के प्रो वाइस चांसलर और एक अन्य अफसर को हिरासत में भी लिया है.

नियुक्ति में धांधली मनमानी करने का भी आरोप
शुआट्स के चांसलर समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज दूसरे मुकदमें में भर्तियों में धांधली करने का आरोप है. नैनी थाने में दर्ज एसटीएफ की दूसरी एफआईआर में आरोप है कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एशोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तियों में अवैध एवं नियम विरूद्ध तरीके इस्तेमाल किए गए हैं. एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि 1984 से लेकर 2017 तक में हुई 69 शिक्षको की भर्ती में नियमों की अनदेखी की गयी है. नियम विपरीत की गई भर्तियों में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोशिएट प्रोफेसर के पद शामिल हैं.

33 सालों में की गयी 67 नियुक्तियों में निर्धारित अनिवार्य योग्यता का पालन नहीं किया गया. भर्ती से जुड़े पदों का विज्ञापन दो प्रख्यात समाचार पत्रों में नही करवाया गया. विज्ञापन की अवधि का निश्चित मापदंड निर्धारित नहीं किया गया. इंटरव्यू में योग्य अभ्यर्थियों बुलावा पत्र नहीं भेजा गया और चयन के बाद नियुक्ति पत्र प्रसारित न करने समेत तमाम आरोप हैं.

किसके-किसके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
1. कुलाधिपति जे ए ऑलिवर एवं इनके सहयोगी
2. कुलपति डॉ राजेन्द्र बिहारी लाल
3. तत्कालीन रजिस्ट्रार अजय कुमार लरेन्स
4. प्रतिकुलपति सुनील बी. लाल
5. तत्कालीन निदेशक एचआरएम बिनोद बिहारी लाल
6. रजिस्ट्रार रबिन एल प्रसाद
7. तत्कालीन वित्त निदेशक स्टीफेन दास
8. डीन डॉ. मोहम्मद इम्तियाज
9. प्रतिकुलपति डॉ सर्वजीत हर्बट
10. तत्कालीन निदेशक एचआरएम रजन ए जॉन
11. कार्यालय अधीक्षक अशोक सिंह तथा अज्ञात
12. प्रशासनिक अधिकारीगणों एवं उनके साथ अन्य सहयोगी व्यक्तियों
13. 1984 से 2017 के बीच अवैध पेमेंट की मंजूरी देने वाले वित्तीय अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.

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