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Prayagraj News: घर-घर टीबी के मरीजों की खोज शुरू, जानिए कब से कब तक चलेगा अभियान?

प्रयागराज में घर-घर टीबी के मरीजों की खोज के लिए सरकार की ओर से अभियान शुरू किया गया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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टीबी से मुक्ति के लिए शुरू हुआ अभियान
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Published : Feb 20, 2023, 4:35 PM IST

प्रयागराजः केंद्र सरकार 2025 तक देश को टीबी से मुक्त कराने के लिए प्रयास कर रही है.उसी के तहत स्वास्थ विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी के मरीजों को चिन्हित कर रही है. जिले के क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन के तहत अभियान चलाया जाएगा. 20 फरवरी से 5 मार्च तक स्वास्थ विभाग की टीमें घरों में जाकर टीबी मरीजों की जांच पड़ताल करेंगी. 20 से 23 फरवरी तक एक्टिव फाइंडिंग कैम्पेन चलाया जाएगा.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत 20 फरवरी से 5 मार्च तक टीबी मरीजों की खोज के लिए विशेष अभियान की शुरु किया गया है. यही नहीं इसी अभियान के तहत 20 फरवरी से 23 फरवरी तक एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाया जा रहा है.

उनका कहना है कि 4 दिनों तक घरों के अलावा अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय और जेलों में जाकर एक्टिव केस की तलाश की जाएगी. इसके बाद 24 फरवरी से 5 मार्च तक 10 दिनों तक शहर और ग्रामीण इलाकों में मलिन बस्तियों, हाई रिस्क जनसंख्या वाले क्षेत्रों में भी यह अभियान चलाया जाएगा.

अभियान के दूसरे चरण में जिले की 20 फ़ीसदी जनसंख्या तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में विशेष रूप से चयनित स्थान जैसे सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्ठे, स्टोन क्रेशर, खदानें और साप्ताहिक बाजार में भी जांच का यह अभियान चलेगा. उनके मुताबिक प्रयागराज की 69 लाख 55 हजार से अधिक की आबादी में से 20 फ़ीसदी लोगों में टीबी मरीजों की खोज किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ विभाग की तरफ से जिले में 388 टीमें बनाई गईं हैं. जो घर-घर जाकर लोगों को टीबी की बीमारी का पता लगाने के लिए संभावितों की जांच के साथ ही घर घर जाकर जागरूक भी करेंगी. इन 388 टीमों की निगरानी के लिए भी 78 सुपरवाइजर्स की भी ड्यूटी लगाई गईं हैं.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी के मुताबिक पिछले साल 9 मार्च से 22 मार्च 2022 तक चलाए गए एसीएफ अभियान में 6 लाख 93 हजार 796 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसमें 2498 टीबी के संभावित मरीजों की बलगम जांच की गई थी. इस सैंपल में 147 टीबी के पाजिटिव मरीज मिले भी थे. इनमें से 145 मरीजों की जांच के बाद उनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया था.इसी तरह से साल 2022 में 15 हजार 369 टीबी के मरीज मिले थे जिसमें 11 हजार 681 मरीजों का इलाज हो चुका है और 11 हजार 859 मरीजों का डीबीटी के माध्यम से भुगतान भी किया जा चुका है. उन्होंने दावा किया है कि सरकार के इस अभियान को सफल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ेंः Meerut में प्यार में धोखा खाए प्रेमी ने पहले गर्लफ्रेंड को और फिर खुद को मारी थी गोली

प्रयागराजः केंद्र सरकार 2025 तक देश को टीबी से मुक्त कराने के लिए प्रयास कर रही है.उसी के तहत स्वास्थ विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी के मरीजों को चिन्हित कर रही है. जिले के क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन के तहत अभियान चलाया जाएगा. 20 फरवरी से 5 मार्च तक स्वास्थ विभाग की टीमें घरों में जाकर टीबी मरीजों की जांच पड़ताल करेंगी. 20 से 23 फरवरी तक एक्टिव फाइंडिंग कैम्पेन चलाया जाएगा.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत 20 फरवरी से 5 मार्च तक टीबी मरीजों की खोज के लिए विशेष अभियान की शुरु किया गया है. यही नहीं इसी अभियान के तहत 20 फरवरी से 23 फरवरी तक एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाया जा रहा है.

उनका कहना है कि 4 दिनों तक घरों के अलावा अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय और जेलों में जाकर एक्टिव केस की तलाश की जाएगी. इसके बाद 24 फरवरी से 5 मार्च तक 10 दिनों तक शहर और ग्रामीण इलाकों में मलिन बस्तियों, हाई रिस्क जनसंख्या वाले क्षेत्रों में भी यह अभियान चलाया जाएगा.

अभियान के दूसरे चरण में जिले की 20 फ़ीसदी जनसंख्या तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में विशेष रूप से चयनित स्थान जैसे सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्ठे, स्टोन क्रेशर, खदानें और साप्ताहिक बाजार में भी जांच का यह अभियान चलेगा. उनके मुताबिक प्रयागराज की 69 लाख 55 हजार से अधिक की आबादी में से 20 फ़ीसदी लोगों में टीबी मरीजों की खोज किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ विभाग की तरफ से जिले में 388 टीमें बनाई गईं हैं. जो घर-घर जाकर लोगों को टीबी की बीमारी का पता लगाने के लिए संभावितों की जांच के साथ ही घर घर जाकर जागरूक भी करेंगी. इन 388 टीमों की निगरानी के लिए भी 78 सुपरवाइजर्स की भी ड्यूटी लगाई गईं हैं.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके तिवारी के मुताबिक पिछले साल 9 मार्च से 22 मार्च 2022 तक चलाए गए एसीएफ अभियान में 6 लाख 93 हजार 796 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसमें 2498 टीबी के संभावित मरीजों की बलगम जांच की गई थी. इस सैंपल में 147 टीबी के पाजिटिव मरीज मिले भी थे. इनमें से 145 मरीजों की जांच के बाद उनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया था.इसी तरह से साल 2022 में 15 हजार 369 टीबी के मरीज मिले थे जिसमें 11 हजार 681 मरीजों का इलाज हो चुका है और 11 हजार 859 मरीजों का डीबीटी के माध्यम से भुगतान भी किया जा चुका है. उन्होंने दावा किया है कि सरकार के इस अभियान को सफल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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