प्रयागराजः उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को 9 साल पहले रेवती रमण सिंह पर हमला मामले में बुधवार को एक साल की सजा के साथ 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री के साथ ही दूसरे 2 आरोपियों को भी सजा सुनायी है.
प्रयागराज की शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से विधायक व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके साथ रहे दो लोगों को एमपी एमएलए कोर्ट ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए विवाद के बाद दर्ज मामले में बुधवार को एक साल की सजा सुनायी है. लेकिन उसके बाद कोर्ट ने 20-20 हजार के मुचलके पर तीनों आरोपियों को जमानत भी दे दी है. जिससे उनके विधायकी और मंत्री पद की कुर्सी के लिए कोई खतरे वाली बात नहीं है.
आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के समय शहर के मुट्ठीगंज थाने में कैबिनेट मंत्री समेत तीन लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था. 9 साल पहले दर्ज हुए मुकदमें में नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर आरोप लगा था कि उन्होंने सपा के सांसद रेवती रमण सिंह पर मुट्ठीगंज इलाके में जनसभा के दौरान हमला किया था. रेवती रमण सिंह जहां सपा के उम्मीदवार थे. वहीं, नंद गोपाल गुप्ता नंदी उस वक्त कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. नंदी पर आरोप था कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई की थी. जिससे कई सपा समर्थक घायल हो गए थे. उसी मामले में नंदी की तरफ से भी बाद में क्रॉस केस दर्ज करवाया गया था.
सजा से कुर्सी पर नहीं है कोई खतरा
डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट से कैबिनेट मंत्री को एक साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया गया है. लेकिन सजा होने के बावजूद उनकी विधायकी और मंत्री पद की कुर्सी पर कोई खतरा नहीं है. क्योंकि किसी भी मामले में विधायक सांसद को 2 साल से अधिक की सजा होती है. तभी उनकी सदस्यता रद्द होने का खतरा होता है. लेकिन इस सजा के बावजूद मंत्री नंदी की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद ही आरोपियों को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत भी देकर राहत भी दे दी है.