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चुनाव की तारीखों के साथ बीजेपी आईटी सेल औऱ सोशल मीडिया हुआ सक्रिय, जानें क्या है विशेषताएं

चुनाव आयोग ने महामारी की भयावहता को देखते हुए 15 जनवरी तक बड़े आयोजनों पर फिलहाल रोक लगायी है. 2022 के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया और आईटी सेल चुनाव प्रचार में अहम किरदार निभाने वाले हैं. यही वजह है कि भाजपा की आईटी सेल और सोशल मीडिया के पदाधिकारी पूरी ताकत से तैयारी में जुट गये हैं.

चुनाव की तारीखों के साथ बीजेपी आईटी सेल औऱ सोशल मीडिया हुआ सक्रिय, जानें क्या है विशेषताएं
चुनाव की तारीखों के साथ बीजेपी आईटी सेल औऱ सोशल मीडिया हुआ सक्रिय, जानें क्या है विशेषताएं
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Published : Jan 8, 2022, 10:30 PM IST

प्रयागराज : कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच यूपी में सात चरणों में मतदान की घोषणा हो चुकी है. शनिवार को एक तरफ जहां चुनाव आयोग मतदान की तारीखों का एलान कर रहा था, वहीं दूसरी ओर संगम नगरी प्रयागराज में भाजपा का आईटी विभाग और सोशल मीडिया की टीम चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुट चुकी थी.

बीजेपी महानगर की टीम के साथ बीजेपी सोशल मीडिया के पश्चिम बंगाल के संयोजक उज्जवल पारिख कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रणनीति बना रहे थे. उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहाकि 2022 के चुनाव में सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग की अहम भूमिका होगी.

चुनाव आयोग ने महामारी की भयावहता को देखते हुए 15 जनवरी तक बड़े आयोजनों पर फिलहाल रोक लगायी है. 2022 के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया और आईटी सेल चुनाव प्रचार में अहम किरदार निभाने वाले हैं. यही वजह है कि भाजपा की आईटी सेल और सोशल मीडिया के पदाधिकारी पूरी ताकत से तैयारी में जुट गये हैं.

बीजेपी आईटी और सोशल मीडिया की टीम तैयारी में जुटी

पश्चिम बंगाल सोशल मीडिया के प्रदेश संयोजक उज्वल पारिख ने प्रयागराज में आय़ोजित इस बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं को बताया कि आज सोशल मीडिया जनता तक पहुंचने के सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गयी है.

महामारी के इस काल में जहां आमसभा औऱ रैली का आय़ोजन फिलहाल नहीं होगा, वहीं सोशल मीडिया जनता तक बात पहुंचाने के लिए सबसे सरल और मजबूत साधन साबित होगा. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों का बताया कि केंद्र औऱ प्रदेश सरकार की सारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की मुख्य जिम्मेदारी सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग की रहेगी. ऐसे में सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग के सभी पदाधिकारियों को पहले से ज्यादा जोश औऱ उर्जा के साथ काम करना है.

यह भी पढ़ें : चाय की दुकान पर पकौड़ी तलते हुए दिखे कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, देखें VIDEO


बीजेपी का राष्ट्र विरोधी ताकतों से है मुकाबला

यूपी समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है. साथ ही दूसरे दलों पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बीजेपी सोशल मीडिया के पश्चिम बंगाल के संयोजक उज्जवल पारिख ने दूसरे दलों को राष्ट्र विरोधी कहने से भी परहेज नहीं किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहाकि उनका मुकाबला विरोधी दलों से नहीं बल्कि राष्ट्र विरोधी ताकतों से है.

2022 का चुनाव उन्हे हर हाल में जीतना होगा क्योंकि उनकी लड़ाई राजनीतिक दलों से नहीं बल्कि राष्ट्र विरोधी ताकतों से हैं. ऐसे में उन्हें नयी नीतियों व योजना के साथ तैयारी करके चुनावी मैदान में मुकाबला करना है.

बीजेपी सोशल मीडिया और आईटी विभाग दूसरे दलों पर पड़ सकता है भारी

फऱवरी में शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिये राजनीतिक पार्टियों को भीड़ जुटाकर वोट मांगने की जगह सोशल मीडिया के व्यूव और लाइक को बढ़ाने पर भी जोर देना पड़ेगा. 2022 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिये सभी राजनीतिक दलों को सोशल और डिजिटल मीडिया में भी मजबूती से अपनी बात रखनी होगी.

इसके लिए जहां कुछ राजनीतिक दल तैयारी करेंगे. वहीं, पहले से सोशल मीडिया औऱ डिजिटल मीडिया में दूसरी पार्टियों पर हावी भाजपा को सिर्फ अपने आईटी औऱ सोशल मीडिया सेल में जोश भरने की जरुरत पड़ेगी. इसकी शुरुआत भी भारतीय जनता पार्टी कर चुकी है.

इस वक्त चुनाव आयोग पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का एलान कर रहा था. उसी समय प्रयागराज महानगर के भाजपा आईटी विभाग और सोशल मीडिया के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें चुनावी रणनीति बतायी जा रही थी. बीजेपी आईटी सेल की मजबूती भी दूसरे राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ाने वाली साबित हो सकती है.

प्रयागराज : कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच यूपी में सात चरणों में मतदान की घोषणा हो चुकी है. शनिवार को एक तरफ जहां चुनाव आयोग मतदान की तारीखों का एलान कर रहा था, वहीं दूसरी ओर संगम नगरी प्रयागराज में भाजपा का आईटी विभाग और सोशल मीडिया की टीम चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुट चुकी थी.

बीजेपी महानगर की टीम के साथ बीजेपी सोशल मीडिया के पश्चिम बंगाल के संयोजक उज्जवल पारिख कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रणनीति बना रहे थे. उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहाकि 2022 के चुनाव में सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग की अहम भूमिका होगी.

चुनाव आयोग ने महामारी की भयावहता को देखते हुए 15 जनवरी तक बड़े आयोजनों पर फिलहाल रोक लगायी है. 2022 के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया और आईटी सेल चुनाव प्रचार में अहम किरदार निभाने वाले हैं. यही वजह है कि भाजपा की आईटी सेल और सोशल मीडिया के पदाधिकारी पूरी ताकत से तैयारी में जुट गये हैं.

बीजेपी आईटी और सोशल मीडिया की टीम तैयारी में जुटी

पश्चिम बंगाल सोशल मीडिया के प्रदेश संयोजक उज्वल पारिख ने प्रयागराज में आय़ोजित इस बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं को बताया कि आज सोशल मीडिया जनता तक पहुंचने के सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गयी है.

महामारी के इस काल में जहां आमसभा औऱ रैली का आय़ोजन फिलहाल नहीं होगा, वहीं सोशल मीडिया जनता तक बात पहुंचाने के लिए सबसे सरल और मजबूत साधन साबित होगा. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों का बताया कि केंद्र औऱ प्रदेश सरकार की सारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की मुख्य जिम्मेदारी सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग की रहेगी. ऐसे में सोशल मीडिया औऱ आईटी विभाग के सभी पदाधिकारियों को पहले से ज्यादा जोश औऱ उर्जा के साथ काम करना है.

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बीजेपी का राष्ट्र विरोधी ताकतों से है मुकाबला

यूपी समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है. साथ ही दूसरे दलों पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बीजेपी सोशल मीडिया के पश्चिम बंगाल के संयोजक उज्जवल पारिख ने दूसरे दलों को राष्ट्र विरोधी कहने से भी परहेज नहीं किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहाकि उनका मुकाबला विरोधी दलों से नहीं बल्कि राष्ट्र विरोधी ताकतों से है.

2022 का चुनाव उन्हे हर हाल में जीतना होगा क्योंकि उनकी लड़ाई राजनीतिक दलों से नहीं बल्कि राष्ट्र विरोधी ताकतों से हैं. ऐसे में उन्हें नयी नीतियों व योजना के साथ तैयारी करके चुनावी मैदान में मुकाबला करना है.

बीजेपी सोशल मीडिया और आईटी विभाग दूसरे दलों पर पड़ सकता है भारी

फऱवरी में शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिये राजनीतिक पार्टियों को भीड़ जुटाकर वोट मांगने की जगह सोशल मीडिया के व्यूव और लाइक को बढ़ाने पर भी जोर देना पड़ेगा. 2022 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिये सभी राजनीतिक दलों को सोशल और डिजिटल मीडिया में भी मजबूती से अपनी बात रखनी होगी.

इसके लिए जहां कुछ राजनीतिक दल तैयारी करेंगे. वहीं, पहले से सोशल मीडिया औऱ डिजिटल मीडिया में दूसरी पार्टियों पर हावी भाजपा को सिर्फ अपने आईटी औऱ सोशल मीडिया सेल में जोश भरने की जरुरत पड़ेगी. इसकी शुरुआत भी भारतीय जनता पार्टी कर चुकी है.

इस वक्त चुनाव आयोग पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का एलान कर रहा था. उसी समय प्रयागराज महानगर के भाजपा आईटी विभाग और सोशल मीडिया के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें चुनावी रणनीति बतायी जा रही थी. बीजेपी आईटी सेल की मजबूती भी दूसरे राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ाने वाली साबित हो सकती है.

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