ETV Bharat / state

ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ी

उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर से ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक को बढ़ा दिया है.

etv bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : May 20, 2022, 9:52 PM IST

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर से ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ा दी है. राज्य सरकार की ओर से लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन याचिकाओं में जवाब दाखिल नहीं किया जा सका जबकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई की तिथि पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था.

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार मामले पर फिर से विचार कर रही है. कहा गया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पुनर्विचार करेंगे. मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को 18 ओबीसी जातियों को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी. डॉ. भीमराव अंबेडकर ग्रंथालय और जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया. ओबीसी की 18 जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश सरकार में जारी हुआ था. इसके बाद 24 जून 2019 को भी योगी सरकार में नोटिफिकेशन जारी हुआ था. हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगाई हुई है.

इसे भी पढ़ेंः Taj Mahal Controversy: जयंत चौधरी का ट्वीट, जी हां ताजमहल हमारा है और फिर सोशल मीडिया पर छिड़ गया संग्राम

इन जातियों को लेकर मच रहा है हंगामा : याचिकाकर्ता की दलील है कि ओबीसी जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है. राज्यों को इस मामले में कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई हुई है. ओबीसी की मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस मामले में जुलाई के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) और जस्टिस जेजे मुनीर (Justice JJ Munir) की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर से ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ा दी है. राज्य सरकार की ओर से लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन याचिकाओं में जवाब दाखिल नहीं किया जा सका जबकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई की तिथि पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था.

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार मामले पर फिर से विचार कर रही है. कहा गया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पुनर्विचार करेंगे. मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को 18 ओबीसी जातियों को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी. डॉ. भीमराव अंबेडकर ग्रंथालय और जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया. ओबीसी की 18 जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश सरकार में जारी हुआ था. इसके बाद 24 जून 2019 को भी योगी सरकार में नोटिफिकेशन जारी हुआ था. हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगाई हुई है.

इसे भी पढ़ेंः Taj Mahal Controversy: जयंत चौधरी का ट्वीट, जी हां ताजमहल हमारा है और फिर सोशल मीडिया पर छिड़ गया संग्राम

इन जातियों को लेकर मच रहा है हंगामा : याचिकाकर्ता की दलील है कि ओबीसी जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है. राज्यों को इस मामले में कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई हुई है. ओबीसी की मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस मामले में जुलाई के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) और जस्टिस जेजे मुनीर (Justice JJ Munir) की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.