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आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी के पैर पकड़कर मांगी माफी, विवाद खत्म

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है. आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांग ली है और सोशल मीडिया, टीवी चैनलों पर समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस ले लिया है.

आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी से मांगी माफी
आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी से मांगी माफी
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Published : May 26, 2021, 5:55 PM IST

Updated : May 26, 2021, 6:56 PM IST

प्रयागराज: संगमनगरी में साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद खत्म हो गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप हुआ है. आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांग ली है और सोशल मीडिया, टीवी चैनलों पर समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस ले लिया है. स्वामी आनंद गिरी ने अपने गुरु और निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी है.

आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी से मांगी माफी

इसे भी पढ़ें- स्वामी आनंद गिरी अखाड़े से निष्कासित, परंपरा तोड़ने का है आरोप

महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य पर लगाए आरोपों को लिया वापस
महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगी पाबंदी को हटा लिया है. महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य स्वामी आनंद गिरी पर लगाए आरोपों को भी वापस ले लिया है. बता दें कि बीते 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित करने के बाद गुरु शिष्य के बीच विवाद बढ़ गया था. स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई की गई थी. अखाड़े और मठ, मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार आनंद गिरि अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे.

इसे भी पढ़ें- शिष्य ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पर लगाए संगीन आरोप, सीएम और पीएम को भेजा पत्र

महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा शिष्य का अधिकार होता है. आनंद गिरि उनके शिष्य हैं, इसलिए वह पूजा कर सकते हैं. दोनों पक्षों के बयान आने के बाद बीते 14 मई से चल रहा गतिरोध अब थमता दिख रहा है. निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ने हरिद्वार में बैठक कर स्वामी आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया था. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप सही बताकर कहा था कि स्वामी आनंद गिरि को एक महीने पूर्व ही मठ से निष्कासित कर दिया था. तभी से गुरु शिष्य ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले पर अखाड़ा परिषद ने गंभीर रुख अख्तियार करना शुरु किया तब दोनों पक्ष शांत होने लगे. बुधवार को गुरु-शिष्य में समझौता हो गया है.

इसे भी पढ़ें- बागी संतों के समर्थन से आनंद गिरि बढ़ा रहे ताकत- महंत नरेन्द्र गिरि

प्रयागराज: संगमनगरी में साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद खत्म हो गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप हुआ है. आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांग ली है और सोशल मीडिया, टीवी चैनलों पर समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस ले लिया है. स्वामी आनंद गिरी ने अपने गुरु और निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी है.

आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेन्द्र गिरी से मांगी माफी

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महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य पर लगाए आरोपों को लिया वापस
महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगी पाबंदी को हटा लिया है. महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य स्वामी आनंद गिरी पर लगाए आरोपों को भी वापस ले लिया है. बता दें कि बीते 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित करने के बाद गुरु शिष्य के बीच विवाद बढ़ गया था. स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई की गई थी. अखाड़े और मठ, मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार आनंद गिरि अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे.

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महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा शिष्य का अधिकार होता है. आनंद गिरि उनके शिष्य हैं, इसलिए वह पूजा कर सकते हैं. दोनों पक्षों के बयान आने के बाद बीते 14 मई से चल रहा गतिरोध अब थमता दिख रहा है. निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ने हरिद्वार में बैठक कर स्वामी आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया था. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप सही बताकर कहा था कि स्वामी आनंद गिरि को एक महीने पूर्व ही मठ से निष्कासित कर दिया था. तभी से गुरु शिष्य ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले पर अखाड़ा परिषद ने गंभीर रुख अख्तियार करना शुरु किया तब दोनों पक्ष शांत होने लगे. बुधवार को गुरु-शिष्य में समझौता हो गया है.

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Last Updated : May 26, 2021, 6:56 PM IST
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