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APO भर्ती परीक्षा में आरक्षण को लेकर यूपी लोक सेवा आयोग पर उठे सवाल - UP Public Service Commission

आरटीआई से यूपी लोक सेवा आयोग (UP Public Service Commission) की एपीओ भर्ती 2022 में आरक्षण के नियमों के उल्लंघन का बड़ा खुलासा हुआ है. प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पाण्डेय ने आरटीआई से जब सूचना मांगी तो जानकारी देने में आनाकानी की गयी.

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यूपी लोक सेवा आयोग
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Published : Aug 18, 2022, 1:05 PM IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एपीओ भर्ती परीक्षा 21 अगस्त को होने वाली है. इस भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने लगाया है. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, 44 सीटों वाली इस भर्ती परीक्षा में 21 सीट पिछड़ा वर्ग को दी जा रही है. जबकि सामान्य और अनुसूचित जाति के लिए आठ आठ सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का कहना है कि, आरक्षण के नियमों की अनदेखी करने को लेकर वह हाईकोर्ट की शरण मे जाएंगे.

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने दी जानकारी
21 अगस्त को एपीओ भर्ती की परीक्षा होनी है. प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष का आरोप है कि, उत्तर प्रदेश सरकार की इस भर्ती परीक्षा का एक वर्ग को ज्यादा आरक्षण का लाभ देने की कोशिश की गयी है.आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 2018 के बाद निकली इस भर्ती में 44 पदों में से सिर्फ 8 पद सामान्य जाति को दी गई है. जबकि पिछड़ा वर्ग के खाते में 21 पद आरक्षित किये गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अग्निहोत्री त्रिपाठी का कहना है कि, आरक्षण को लेकर गाइड लाइन जारी है. उसके अलावा किसी को तय सीमा से ज्यादा आरक्षण देकर लाभ नहीं दिया जा सकता है.अगर किसी भी भर्ती में आरक्षण नियमों में किसी तरह की मनमानी की जाती है तो यह भर्ती कोर्ट में टिक नहीं पाएगी.उनका कहना है कि संविधान में सरकारी भर्तियों में भर्ती के जो नियम बनाये गए हैं उसका पालन करना चाहिए.

इसे भी पढ़े-जल निगम भर्ती घोटाला मामला : आजम खान समेत सभी अभियुक्तों को आरोप मुक्ति पर बहस के लिए अंतिम मौका


उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित होने वाली इस भर्ती परीक्षा को लेकर परीक्षार्थी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं.जबकि यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से 21 अगस्त को आयोजित होने वाली सहायक अभियोजन अधिकारी एपीओ भर्ती परीक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इस मामले पर आयोग की तरफ से उनका पक्ष रखने के लिए कोई सामने नहीं आया है.

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि, इस भर्ती से जुड़ी जानकारी जब उन्होंने आरटीआई से मांगी तो उसे जानकारी देने में आनाकानी की गयी.लेकिन बाद में उसे आरटीआई से ही यह जानकारी मिली कि, भर्ती में आरक्षण के तहत किसको कितनी सीट मिली है.इस जानकारी में उन्हें पता चला कि, 44 में से 21 सीट ओबीसी वर्ग के लिए रिजर्व कर दिया गया है.ल इसको लेकर वह हाईकोर्ट जाएंगे और इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देंगे.उनका आरोप है कि, सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गयी है.

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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एपीओ भर्ती परीक्षा 21 अगस्त को होने वाली है. इस भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने लगाया है. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, 44 सीटों वाली इस भर्ती परीक्षा में 21 सीट पिछड़ा वर्ग को दी जा रही है. जबकि सामान्य और अनुसूचित जाति के लिए आठ आठ सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का कहना है कि, आरक्षण के नियमों की अनदेखी करने को लेकर वह हाईकोर्ट की शरण मे जाएंगे.

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने दी जानकारी
21 अगस्त को एपीओ भर्ती की परीक्षा होनी है. प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष का आरोप है कि, उत्तर प्रदेश सरकार की इस भर्ती परीक्षा का एक वर्ग को ज्यादा आरक्षण का लाभ देने की कोशिश की गयी है.आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 2018 के बाद निकली इस भर्ती में 44 पदों में से सिर्फ 8 पद सामान्य जाति को दी गई है. जबकि पिछड़ा वर्ग के खाते में 21 पद आरक्षित किये गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अग्निहोत्री त्रिपाठी का कहना है कि, आरक्षण को लेकर गाइड लाइन जारी है. उसके अलावा किसी को तय सीमा से ज्यादा आरक्षण देकर लाभ नहीं दिया जा सकता है.अगर किसी भी भर्ती में आरक्षण नियमों में किसी तरह की मनमानी की जाती है तो यह भर्ती कोर्ट में टिक नहीं पाएगी.उनका कहना है कि संविधान में सरकारी भर्तियों में भर्ती के जो नियम बनाये गए हैं उसका पालन करना चाहिए.

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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित होने वाली इस भर्ती परीक्षा को लेकर परीक्षार्थी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं.जबकि यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से 21 अगस्त को आयोजित होने वाली सहायक अभियोजन अधिकारी एपीओ भर्ती परीक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इस मामले पर आयोग की तरफ से उनका पक्ष रखने के लिए कोई सामने नहीं आया है.

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि, इस भर्ती से जुड़ी जानकारी जब उन्होंने आरटीआई से मांगी तो उसे जानकारी देने में आनाकानी की गयी.लेकिन बाद में उसे आरटीआई से ही यह जानकारी मिली कि, भर्ती में आरक्षण के तहत किसको कितनी सीट मिली है.इस जानकारी में उन्हें पता चला कि, 44 में से 21 सीट ओबीसी वर्ग के लिए रिजर्व कर दिया गया है.ल इसको लेकर वह हाईकोर्ट जाएंगे और इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देंगे.उनका आरोप है कि, सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गयी है.

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