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प्रयागराज: छात्रों ने छात्रसंघ बहाली के लिए एमएचआरडी को लिखा रक्तपत्र

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली के लिए हो रहे आंदोलन में शनिवार को छात्रनेताओं ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को खून से खत लिखा. छात्रनेताओं ने मांग की है कि छात्रसंघ बहाली के साथ ही सभी निष्कासित छात्रों को वापस विश्वविद्यालय में लाया जाए.

छात्रों ने रक्त से लिखा एमएचआरडी को पत्र
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Published : Sep 1, 2019, 3:05 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली को लेकर छात्रों का धरना समाप्त नहीं हो रहा है. छात्रों का धरना आज लगातार 27 वें दिन भी जारी रहा. धरने पर बैठे छात्रों ने अपनी मांग मनवाने के लिए शनिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को खून से लिखा पत्र भेजा, जिसमें यह मांग की गई है कि विश्वविद्यालय की पुरानी परंपरा को बहाल किया जाए.

जानकारी देते छात्रसंघ उपाध्यक्ष.

इसे भी पढ़ें :- प्रयागराज: इलाहाबाद बैंक की खत्म हुई 154 साल पुरानी पहचान

छात्रों ने जारी रखा प्रदर्शन-

धरने पर बैठे छात्रों ने आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष पर हुई एफआईआरसी की घोर निंदा पदाधिकारियों के द्वारा की गई. इस पर छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय सिर्फ और सिर्फ अपनी तानाशाही नीतियों को कायम करना चाह रहा है. जिसमें शिक्षकों और छात्रहित दोनों को दबाया जा रहा है. इसके लिए वह बराबर संघर्षरत रहेंगे.

रक्तपत्र लिखते हुए छात्रों ने कहा कि आज हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह पत्र लिखा है. अगर मांगे नहीं मानी जाती है, तो हम अपना रक्त बहाने में पीछे नहीं हटेंगे. उधर छात्र संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के छात्रों ने इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी बनाने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है.

हम छात्रहितों की लड़ाई के लिये पीछे नहीं हटेंगे. इसके लिए चाहे हमें जेल ही क्यों न जाना पड़ें. हम सब विश्वविद्यालय में चल रही दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे.
-अखिलेश यादव, पूर्व उपाध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली को लेकर छात्रों का धरना समाप्त नहीं हो रहा है. छात्रों का धरना आज लगातार 27 वें दिन भी जारी रहा. धरने पर बैठे छात्रों ने अपनी मांग मनवाने के लिए शनिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को खून से लिखा पत्र भेजा, जिसमें यह मांग की गई है कि विश्वविद्यालय की पुरानी परंपरा को बहाल किया जाए.

जानकारी देते छात्रसंघ उपाध्यक्ष.

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छात्रों ने जारी रखा प्रदर्शन-

धरने पर बैठे छात्रों ने आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष पर हुई एफआईआरसी की घोर निंदा पदाधिकारियों के द्वारा की गई. इस पर छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय सिर्फ और सिर्फ अपनी तानाशाही नीतियों को कायम करना चाह रहा है. जिसमें शिक्षकों और छात्रहित दोनों को दबाया जा रहा है. इसके लिए वह बराबर संघर्षरत रहेंगे.

रक्तपत्र लिखते हुए छात्रों ने कहा कि आज हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह पत्र लिखा है. अगर मांगे नहीं मानी जाती है, तो हम अपना रक्त बहाने में पीछे नहीं हटेंगे. उधर छात्र संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के छात्रों ने इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी बनाने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है.

हम छात्रहितों की लड़ाई के लिये पीछे नहीं हटेंगे. इसके लिए चाहे हमें जेल ही क्यों न जाना पड़ें. हम सब विश्वविद्यालय में चल रही दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे.
-अखिलेश यादव, पूर्व उपाध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ

Intro:इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली को लेकर के छात्रों का धरना समाप्त नहीं हो रहा है छात्रों का धरना आज लगातार 27 वे दिन भी जारी रहा । धरने पर बैठे छात्रों ने अपनी मांग मनवाने के लिए आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय को खून से लिखा पत्र भेजा जिसमें यह मांग की गई है कि विश्वविद्यालय की पुरानी परंपरा को बहाल किया जाए।


Body:धरने पर बैठे छात्रों ने आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष पर हुई एफआईआरसी घोर निंदा पदाधिकारियों के द्वारा की गई इस पर छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय सिर्फ और सिर्फ अपनी तानाशाही नीतियों को कायम करना चाह रहा है जिसमें शिक्षकों और छात्र हित दोनों को दबाया जा रहा है इसके लिए वह बराबर संघर्षरत रहेंगे रक्त पत्र लिखते हुए छात्रों ने कहा कि आज हम ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह पत्र लिखा है मांगे नहीं मानी जाती है तो हम अपना रक्त बहाने में पीछे नहीं हटेंगे उधर छात्र संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के छात्रों के द्वारा इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी बनाने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है


Conclusion:इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि वह छात्र हितों की लड़ाई के पीछे नहीं हटेंगे इसके लिए चाहे उन्हें जेल ही क्यों ना जाना पड़े वह विश्वविद्यालय में चल रही दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे।

बाईट: अखिलेश यादव पूर्व उपाध्यक्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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