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इलाहाबाद विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में नहीं शामिल हो पाएंगे आम छात्र

इलाहाबाद विश्वविद्याल में आगामी 23 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में आम छात्रों को एंट्री नहीं मिलेगी. दीक्षांत समारोह में तीन सौ से ज्यादा छात्रों को मेडल और पांच सौ से ज्यादा छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी जाएगी.

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Published : Sep 9, 2021, 8:12 AM IST

दीक्षांत समारोह में नहीं मिलेगी आम छात्रों को एंट्री
दीक्षांत समारोह में नहीं मिलेगी आम छात्रों को एंट्री

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 23 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारी पूरी की जा चुकी है. 23 सितंबर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है और उसी दिन दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है. इस बार मशहूर गीतकार लेखक व निर्देशक गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि दी जाएगी.

इस बार दीक्षांत समारोह में लगभग साढ़े तीन सौ छात्रों को अलग-अलग विषयों में गोल्ड मेडल व अन्य मेडल दिए जाएंगे. इसके अलावा करीब साढ़े पांच सौ छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी जाएगी. समारोह में सत्र 2018-19 और 2019-20 के छात्रों को डिग्रियां व मेडल दिए जाएंगे.

दीक्षांत समारोह में नहीं मिलेगी आम छात्रों को एंट्री
दीक्षांत समारोह में सिर्फ डिग्री और मेडल पाने वाले छात्रों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है. बाकी छात्रों को कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई है. इस फैसले को लेकर छात्रों में काफी आक्रोश भी है. छात्रों का कहना है कि जब आम छात्रों के कार्यक्रम में शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है तो विश्वविद्यालय परिसर में कार्यक्रम ही नहीं करना चाहिए, क्योंकि दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ छात्रों को मेडल व सम्मान पाता देखकर आम छात्र भी उनसे प्रेरणा लेता है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आम छात्रों के प्रवेश पर पाबंदी लगाकर तानाशाही वाला फैसला लिया है.वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का साफ कहना है कि कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. इसी वजह से कार्यक्रम में सिर्फ उन्हीं छात्रों को शामिल करने की इजाजत दी गई है, जिन्हें डिग्री या पदक लेना है. कार्यक्रम में हिंदी सिनेमा जगत में सराहनीय कार्य करने के लिए मशहूर गीतकार लेखक व निर्देशक गुलजार को मानद उपाधि देकर सम्मानित करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, अभी तक कार्यक्रम में शामिल होकर उपाधि लेने के लिए उनकी तरफ से सहमति नहीं मिली है. विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी तरफ से सहमति पत्र मिलने का इंतजार कर रहा है.दीक्षांत समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और यूजीसी के डायरेक्टर प्रोफेसर डीपी सिंह शामिल होंगे. इसके साथ ही इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर आशीष कुमार चौहान और वाइस चांसलर भी शामिल होंगी. विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रोफेसर जया कपूर ने बताया है कि 23 सितम्बर को होने वाले कार्यक्रम में अभी भी कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं. क्योंकि कार्यक्रम के दौरान कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाना है. इस वजह से अंत समय तक बदलाव की संभावना बनी रहेगी.

इसे भी पढ़ें-400 महाविद्यालय राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय से होंगे संबद्ध: सीएम योगी

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 23 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारी पूरी की जा चुकी है. 23 सितंबर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है और उसी दिन दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है. इस बार मशहूर गीतकार लेखक व निर्देशक गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि दी जाएगी.

इस बार दीक्षांत समारोह में लगभग साढ़े तीन सौ छात्रों को अलग-अलग विषयों में गोल्ड मेडल व अन्य मेडल दिए जाएंगे. इसके अलावा करीब साढ़े पांच सौ छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी जाएगी. समारोह में सत्र 2018-19 और 2019-20 के छात्रों को डिग्रियां व मेडल दिए जाएंगे.

दीक्षांत समारोह में नहीं मिलेगी आम छात्रों को एंट्री
दीक्षांत समारोह में सिर्फ डिग्री और मेडल पाने वाले छात्रों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है. बाकी छात्रों को कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई है. इस फैसले को लेकर छात्रों में काफी आक्रोश भी है. छात्रों का कहना है कि जब आम छात्रों के कार्यक्रम में शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है तो विश्वविद्यालय परिसर में कार्यक्रम ही नहीं करना चाहिए, क्योंकि दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ छात्रों को मेडल व सम्मान पाता देखकर आम छात्र भी उनसे प्रेरणा लेता है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आम छात्रों के प्रवेश पर पाबंदी लगाकर तानाशाही वाला फैसला लिया है.वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का साफ कहना है कि कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. इसी वजह से कार्यक्रम में सिर्फ उन्हीं छात्रों को शामिल करने की इजाजत दी गई है, जिन्हें डिग्री या पदक लेना है. कार्यक्रम में हिंदी सिनेमा जगत में सराहनीय कार्य करने के लिए मशहूर गीतकार लेखक व निर्देशक गुलजार को मानद उपाधि देकर सम्मानित करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, अभी तक कार्यक्रम में शामिल होकर उपाधि लेने के लिए उनकी तरफ से सहमति नहीं मिली है. विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी तरफ से सहमति पत्र मिलने का इंतजार कर रहा है.दीक्षांत समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और यूजीसी के डायरेक्टर प्रोफेसर डीपी सिंह शामिल होंगे. इसके साथ ही इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर आशीष कुमार चौहान और वाइस चांसलर भी शामिल होंगी. विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रोफेसर जया कपूर ने बताया है कि 23 सितम्बर को होने वाले कार्यक्रम में अभी भी कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं. क्योंकि कार्यक्रम के दौरान कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाना है. इस वजह से अंत समय तक बदलाव की संभावना बनी रहेगी.

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