प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से अधिक अंक पाने के बावजूद नियुक्त न करने पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को हाजिर होने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि चयनित अभ्यर्थी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले याची को पद नहीं है कहकर नियुक्त करने से इंकार कैसे किया जा सकता है. याचिका की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने विशाले जेहरा की याचिका पर दिया है. याची मोअल्लिम-ए-उर्दू में स्नातक हैं. उसे सहायक अध्यापक भर्ती में 55.285 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए हैं, जो अंतिम चयनित अभ्यर्थी से अधिक अंक हैं. 15 अप्रैल 2014 को डिग्री के आधार पर नियुक्ति से इंकार कर दिया गया तो याची ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरोहा को नए सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया. इसके बाद यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी कि उर्दू अध्यापक का पद नहीं है.
कोर्ट ने पद न होने के आधार पर नियुक्ति देने से इंकार को अवैध वऔर मनमानापूर्णं करार दिया है. कोर्ट ने और कहा है कि याची अपनी नियुक्ति के अधिकार के लिए पिछले 7 साल से इधर से उधर दौड़ लगा रही है, जिस पर सचिव को तलब किया है.