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कोरोना संक्रमण के फैलाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट चिंतित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के फैलाव के बावजूद लोगों की बेफिक्री पर अंकुश न लगा पाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद सौ फीसदी लोग मास्क पहनकर सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ‌प्रशासन और पुलिस अथक प्रयास के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. जबकि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता से लेने की जरूरत है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Oct 16, 2020, 10:50 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के फैलाव के बावजूद लोगों की बेफिक्री पर अंकुश न लगा पाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद सौ फीसदी लोग मास्क पहनकर सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और पूछा है कि मास्क व सोशल डिस्टेसिंग के नियम का शतप्रतिशत पालन कराने के लिए उनकी क्या कार्य योजना है. कोर्ट ने कहा कि ‌प्रशासन और पुलिस अथक प्रयास के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. जबकि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता से लेने की जरूरत है.

यह आदेश कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज और महामारी की रोकथाम के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कोराना वैक्सीन और सेनिटाइजेशन को लेकर आईसीएमआर की गाइड लाइन अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. खंडपीठ को कई जिलों के वकीलों ने बताया कि किसी भी जिले में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क पहनने के नियम का पालन नहीं हो रहा है. यह भी कहा कि खानपान की दुकानों से अंडरटेक‌िंग लेने के बाद ही दुकान खोलने के आदेश का पूरे प्रदेश में कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा है.

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव फॉगिग नहीं किए जाने की शिकायत की. उन्होंने कहा कि फॉगिंग नहीं होने से डेंगू आदि बीमारी फैलने की आशंका है. प्रयागराज के नगर स्वास्थ्य अधिकारी रिटायर हो गए हैं और पद रिक्त है. इस पर कोर्ट ने प्रदेश के हर जिले में नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के रिक्त पद भरने और फॉगिंग व सेनिटाइजेशन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने दुर्गा पूजा के आयोजन के संदर्भ में किसी तरह का आदेश देने से इन्कार करते हुए कहा कि दुर्गापूजा के पंडाल राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही लगाए जाएं.

सिविल लाइंस में पार्किंग के मुद्दे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम से कहा कि सिविल लांइस में मल्टी लेवल पार्किंग और होटल यात्रिक के सामने की पार्किंग शुरू हो जाने के बाद सिविल लाइंस क्षेत्र में कहीं भी वाहन खड़ा न होने दें. कोर्ट ने कहा है कि पार्किंग के इतर गाड़ी खड़ी करने वालों के वाहन उठाने को ट्रैफिक पुलिस स्वतंत्र है. कोर्ट ने कहा कि पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद दुकानों तक आने जाने में लोगों की दिक्कत दूर करने के लिए पार्किंग से होने वाली आमदनी से निशुल्क बैटरी रिक्शा चलाए जाएं. ये रिक्शा लोगों को दुकानों-शोरूमों तक ले जाएंगे और ले आएंगे. कोर्ट ने कहा कि जब तक पार्किंग शुरू नहीं हो जाती, सरदार पटेल मार्ग पर सिर्फ तीन सप्ताह के लिए तीसरी लेन में वाहनों के पार्किंग की अनुमति दी जाए. उसके बाद किसी को भी वाहन खड़े करने की अनुमति न दी जाए.

कोर्ट ने पीडीए को सड़कों पर अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद उसी जगह दोबारा अतिक्रमण न होने पाए. कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर चंदन शर्मा और शुभम ‌द्विवेदी से इस पर नजर रखने को कहा है कि अतिक्रमण ठीक से हट गया है या नहीं, सड़कें और नालियां साफ हैं या नहीं, खराब स्ट्रीट लाइट बदल दी गई या नहीं और सड़क किनारे कोई हॉकर फिर से दुकान तो नहीं लगा रहा है. नगर निगम और पीडीए की ओर से नवाब यूसुफ रोड पर अतिक्रणम हटाने की जानकारी और फोटोग्राफ प्रस्तुत किए गए. कोर्ट ने कहा कि पीडीए की सीमा में पूरी कानपुर रोड से अतिक्रमण हटाया जाए. दोबारा अतिक्रमण न होने पाए, नगर निगम इसके लिए संबंधित थाने को सूचित करे. नगर निगम यदि ऐसा नहीं करता तो एडवोकेट कमिश्नर पुलिस को सूचना देकर अतिक्रमण हटवाएं. कोर्ट ने नीमसराय कालोनी (वार्ड 31) में अतिक्रमण का मामला वहां के एडवोकेट कमिश्नर से देखने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के फैलाव के बावजूद लोगों की बेफिक्री पर अंकुश न लगा पाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद सौ फीसदी लोग मास्क पहनकर सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और पूछा है कि मास्क व सोशल डिस्टेसिंग के नियम का शतप्रतिशत पालन कराने के लिए उनकी क्या कार्य योजना है. कोर्ट ने कहा कि ‌प्रशासन और पुलिस अथक प्रयास के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. जबकि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता से लेने की जरूरत है.

यह आदेश कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज और महामारी की रोकथाम के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कोराना वैक्सीन और सेनिटाइजेशन को लेकर आईसीएमआर की गाइड लाइन अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. खंडपीठ को कई जिलों के वकीलों ने बताया कि किसी भी जिले में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क पहनने के नियम का पालन नहीं हो रहा है. यह भी कहा कि खानपान की दुकानों से अंडरटेक‌िंग लेने के बाद ही दुकान खोलने के आदेश का पूरे प्रदेश में कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा है.

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव फॉगिग नहीं किए जाने की शिकायत की. उन्होंने कहा कि फॉगिंग नहीं होने से डेंगू आदि बीमारी फैलने की आशंका है. प्रयागराज के नगर स्वास्थ्य अधिकारी रिटायर हो गए हैं और पद रिक्त है. इस पर कोर्ट ने प्रदेश के हर जिले में नगर स्वास्थ्य अधिकारियों के रिक्त पद भरने और फॉगिंग व सेनिटाइजेशन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने दुर्गा पूजा के आयोजन के संदर्भ में किसी तरह का आदेश देने से इन्कार करते हुए कहा कि दुर्गापूजा के पंडाल राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही लगाए जाएं.

सिविल लाइंस में पार्किंग के मुद्दे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम से कहा कि सिविल लांइस में मल्टी लेवल पार्किंग और होटल यात्रिक के सामने की पार्किंग शुरू हो जाने के बाद सिविल लाइंस क्षेत्र में कहीं भी वाहन खड़ा न होने दें. कोर्ट ने कहा है कि पार्किंग के इतर गाड़ी खड़ी करने वालों के वाहन उठाने को ट्रैफिक पुलिस स्वतंत्र है. कोर्ट ने कहा कि पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद दुकानों तक आने जाने में लोगों की दिक्कत दूर करने के लिए पार्किंग से होने वाली आमदनी से निशुल्क बैटरी रिक्शा चलाए जाएं. ये रिक्शा लोगों को दुकानों-शोरूमों तक ले जाएंगे और ले आएंगे. कोर्ट ने कहा कि जब तक पार्किंग शुरू नहीं हो जाती, सरदार पटेल मार्ग पर सिर्फ तीन सप्ताह के लिए तीसरी लेन में वाहनों के पार्किंग की अनुमति दी जाए. उसके बाद किसी को भी वाहन खड़े करने की अनुमति न दी जाए.

कोर्ट ने पीडीए को सड़कों पर अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद उसी जगह दोबारा अतिक्रमण न होने पाए. कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर चंदन शर्मा और शुभम ‌द्विवेदी से इस पर नजर रखने को कहा है कि अतिक्रमण ठीक से हट गया है या नहीं, सड़कें और नालियां साफ हैं या नहीं, खराब स्ट्रीट लाइट बदल दी गई या नहीं और सड़क किनारे कोई हॉकर फिर से दुकान तो नहीं लगा रहा है. नगर निगम और पीडीए की ओर से नवाब यूसुफ रोड पर अतिक्रणम हटाने की जानकारी और फोटोग्राफ प्रस्तुत किए गए. कोर्ट ने कहा कि पीडीए की सीमा में पूरी कानपुर रोड से अतिक्रमण हटाया जाए. दोबारा अतिक्रमण न होने पाए, नगर निगम इसके लिए संबंधित थाने को सूचित करे. नगर निगम यदि ऐसा नहीं करता तो एडवोकेट कमिश्नर पुलिस को सूचना देकर अतिक्रमण हटवाएं. कोर्ट ने नीमसराय कालोनी (वार्ड 31) में अतिक्रमण का मामला वहां के एडवोकेट कमिश्नर से देखने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी.

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