ETV Bharat / state

हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग यूपी के खिलाफ अवमानना नोटिस लिया वापस - अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग यूपी

अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई समाप्त हो गई. ये फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया है.

etv bharat
इलाहाबाद हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 9:37 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग उत्तर प्रदेश प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ अवमानना नोटिस वापस ले ली है. ये आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने ऑल इंडिया डॉक्टर्स एसोसिएशन और डॉक्टर परवाज उलूम की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका में त्रिवेदी पर 18 फरवरी 21 को पारित आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था.

कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अनुपालन रिपोर्ट के साथ जवाब मांगा था. हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि आदेश के अनुपालन में याची की सेवा नियमितीकरण पर विचार किया गया. याची का काम संतोषजनक न होने के कारण सेवा नियमितीकरण की मांग अस्वीकार करते हुए प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया गया है. याची का कहना था कि वो 19 साल से पीलीभीत में तदर्थ डॉक्टर के रूप में कार्यरत रहा है, उसे निलंबित रखा गया. वो 31 अगस्त 20 को सेवानिवृत्त हो गया. 19 साल की सेवा के बाद भी उसे नियमित नहीं किया गया, जो विधि के खिलाफ है.

इसे भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने के शासनादेश को चुनौती, इलाहाबाद हाईकोर्ट में 3 फरवरी को सुनवाई होगी

इस पर कोर्ट ने कहा कि याची अपर मुख्य सचिव के 2 दिसंबर 21 के आदेश को चुनौती दे सकता है. आदेश का अनुपालन कर दिया गया है. याचिका में कुछ शेष नहीं रह गया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग उत्तर प्रदेश प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ अवमानना नोटिस वापस ले ली है. ये आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने ऑल इंडिया डॉक्टर्स एसोसिएशन और डॉक्टर परवाज उलूम की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका में त्रिवेदी पर 18 फरवरी 21 को पारित आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था.

कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अनुपालन रिपोर्ट के साथ जवाब मांगा था. हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि आदेश के अनुपालन में याची की सेवा नियमितीकरण पर विचार किया गया. याची का काम संतोषजनक न होने के कारण सेवा नियमितीकरण की मांग अस्वीकार करते हुए प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया गया है. याची का कहना था कि वो 19 साल से पीलीभीत में तदर्थ डॉक्टर के रूप में कार्यरत रहा है, उसे निलंबित रखा गया. वो 31 अगस्त 20 को सेवानिवृत्त हो गया. 19 साल की सेवा के बाद भी उसे नियमित नहीं किया गया, जो विधि के खिलाफ है.

इसे भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने के शासनादेश को चुनौती, इलाहाबाद हाईकोर्ट में 3 फरवरी को सुनवाई होगी

इस पर कोर्ट ने कहा कि याची अपर मुख्य सचिव के 2 दिसंबर 21 के आदेश को चुनौती दे सकता है. आदेश का अनुपालन कर दिया गया है. याचिका में कुछ शेष नहीं रह गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.