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इंटरमीडिएट कॉलेजों में स्थानांतरण पर 3 माह में निर्णय ले राज्य सरकार : हाईकोर्ट - प्रयागराज की खबरें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2009 से लंबित इंटरमीडिएट कॉलेजों के अध्यापकों के स्थानांतरण आवेदनों पर 3 माह में अंतिम निर्णय लेने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.

इंटरमीडिएट
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Published : May 15, 2023, 9:53 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह मान्यता प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेजों के अध्यापकों के स्थानांतरण आवेदनों पर 3 माह में अंतिम निर्णय ले. अध्यापकों के स्थानांतरण का प्रकरण सरकार के समक्ष वर्ष 2009 से लंबित है. जिसे लेकर अवधेश सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सुनवाई की.

याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची अध्यापकों ने एक मान्यता प्राप्त संस्थान से दूसरे मान्यता प्राप्त संस्थान में स्थानांतरण के लिए 14 जून 2009 की स्थानांतरण नीति के साथ आवेदन किया था. राज्य सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा राज्य सरकार को यह मामला 27 दिसंबर 2022 को संदर्भित किया जा चुका है.

अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए स्थगन आदेश को संशोधित करते हुए ऑनलाइन आवेदन करने वाले अध्यापकों के स्थानांतरण का रास्ता खोल दिया गया है. इसके बावजूद प्रकरण राज्य सरकार के समक्ष अनावश्यक रूप से लंबित है. जबकि सरकार के खुद के रेगुलेशन के अनुसार ऑनलाइन स्थानांतरण अर्जी पर विचार किया जा सकता है. साथ ही इस पर विचार किया भी गया है. लेकिन मामला अंतिम निर्णय के लिए राज्य सरकार के समक्ष लंबित है. इस पर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के अधिवक्ताओं की सहमति पर राज्य सरकार को प्रकरण में अंतिम निर्णय लेने के लिए 3 माह का समय देते हुए याचिका निस्तारित करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें-अखिलेश यादव के सपनों पर अमेठी में फिरा पानी, निकाय चुनाव 2023 में मुख्य मुकाबले में ही नहीं दिखी सपा

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह मान्यता प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेजों के अध्यापकों के स्थानांतरण आवेदनों पर 3 माह में अंतिम निर्णय ले. अध्यापकों के स्थानांतरण का प्रकरण सरकार के समक्ष वर्ष 2009 से लंबित है. जिसे लेकर अवधेश सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सुनवाई की.

याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची अध्यापकों ने एक मान्यता प्राप्त संस्थान से दूसरे मान्यता प्राप्त संस्थान में स्थानांतरण के लिए 14 जून 2009 की स्थानांतरण नीति के साथ आवेदन किया था. राज्य सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा राज्य सरकार को यह मामला 27 दिसंबर 2022 को संदर्भित किया जा चुका है.

अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए स्थगन आदेश को संशोधित करते हुए ऑनलाइन आवेदन करने वाले अध्यापकों के स्थानांतरण का रास्ता खोल दिया गया है. इसके बावजूद प्रकरण राज्य सरकार के समक्ष अनावश्यक रूप से लंबित है. जबकि सरकार के खुद के रेगुलेशन के अनुसार ऑनलाइन स्थानांतरण अर्जी पर विचार किया जा सकता है. साथ ही इस पर विचार किया भी गया है. लेकिन मामला अंतिम निर्णय के लिए राज्य सरकार के समक्ष लंबित है. इस पर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के अधिवक्ताओं की सहमति पर राज्य सरकार को प्रकरण में अंतिम निर्णय लेने के लिए 3 माह का समय देते हुए याचिका निस्तारित करने का निर्देश दिया है.

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