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प्रयागराज: आयोग ने नहीं लिया निर्णय तो धर्मराज भी पड़ गए असमंजस में, जानें क्यों - ग्राम विकास अधिकारी

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार करने के संबंध में उत्तर प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग लखनऊ से जानकारी मांगी है. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने धर्मराज और 13 अन्य की याचिकाओं पर यह आदेश दिया

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय.
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Published : Oct 24, 2020, 2:24 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार करने के संबंध में उत्तर प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग लखनऊ से जानकारी मांगी है. कोर्ट ने 10 नवंबर तक आयोग को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है. धर्मराज और 13 अन्य की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है.

याचियों का ये है कहना

याचीगण का कहना है कि आयोग ने ग्राम विकास अधिकारियों के 3,587 पदों का विज्ञापन 2018 में जारी किया था. याचीगण इसमें चयनित नहीं हो सके. पदों पर नियुक्ति के बाद भी कई पद भरे नहीं जा सके. याचीगण ने मेरिट के अनुसार इन रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 9 अगस्त 2018 को आयोग को याचीगण के दावे पर विचार करने का आदेश दिया. इस आदेश के खिलाफ आयोग की पुनर्विचार अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी.

आयोग ने नहीं लिया कोई निर्णय

इसके बावजूद आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया, जबकि नियमानुसार उनको प्रतीक्षा सूची तैयार करनी चाहिए, ताकि रिक्त रह गए पदों को प्रतीक्षा सूची से भरा जा सके. हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान भी आयोग को याचीगण की शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद आज तक आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया है. कोर्ट ने आयोग से प्रतीक्षा सूची के बारे में जानकारी मांगते हुए अगली सुनवाई की तिथि दस नवंबर तय की है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार करने के संबंध में उत्तर प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग लखनऊ से जानकारी मांगी है. कोर्ट ने 10 नवंबर तक आयोग को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है. धर्मराज और 13 अन्य की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है.

याचियों का ये है कहना

याचीगण का कहना है कि आयोग ने ग्राम विकास अधिकारियों के 3,587 पदों का विज्ञापन 2018 में जारी किया था. याचीगण इसमें चयनित नहीं हो सके. पदों पर नियुक्ति के बाद भी कई पद भरे नहीं जा सके. याचीगण ने मेरिट के अनुसार इन रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 9 अगस्त 2018 को आयोग को याचीगण के दावे पर विचार करने का आदेश दिया. इस आदेश के खिलाफ आयोग की पुनर्विचार अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी.

आयोग ने नहीं लिया कोई निर्णय

इसके बावजूद आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया, जबकि नियमानुसार उनको प्रतीक्षा सूची तैयार करनी चाहिए, ताकि रिक्त रह गए पदों को प्रतीक्षा सूची से भरा जा सके. हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान भी आयोग को याचीगण की शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद आज तक आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया है. कोर्ट ने आयोग से प्रतीक्षा सूची के बारे में जानकारी मांगते हुए अगली सुनवाई की तिथि दस नवंबर तय की है.

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