प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने याची के वकील से पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर नाराजगी जताई है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र व न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता चमन आरा की याचिका पर दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार घर से भागे जोड़े की तलाश में प्रयागराज आई बरेली पुलिस (Bareilly Police) ने पीड़िता व अभियुक्त के वकील के घर पर डेरा डाला. वकील से ही अभियुक्त के बारे में कड़ाई से पूछताछ में जुटी पुलिस से परेशान वकील ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने प्रयागराज व बरेली के एसएसपी से इस बाबत जानकारी मांगी तो बताया कि पूछताछ कि कोई दुर्व्यवहार नहीं किया. प्रयागराज की पुलिस ने तो केवल बरेली पुलिस टीम की मदद की।. पुलिस टीम अपहरण व धर्मांतरण अध्यादेश के तहत दर्ज एफआईआर की विवेचना करने आई है. इस पर कोर्ट ने पुलिस विवेचना में याची अधिवक्ता को किसी प्रकार से परेशान न करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही सरकारी वकील से जानकारी मांगी है कि क्या याची का मोबाइल फोन नंबर सर्विलांस पर लगाया गया है. यदि ऐसा है तो किसके आदेश पर और किस आधार पर फोन सर्विलांस पर लगाया गया है. इस मामले की सुनवाई 3 सितंबर को भी जारी रहेगी.
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याची का कहना है कि पुलिस विवेचक ने दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से कार्य किया है. यह जानते हुए कि याची अभियुक्त का वकील है, उससे पूछताछ की. पुलिस ने अपने विवेचना के अधिकार का अतिक्रमण किया है. वकील से अभियुक्त के बारे में जानकारी लेनी चाही. याचिका पर कोर्ट के 31अगस्त को संज्ञान लेने के बाद भी पुलिस याची के घर में रुकी हुई है, वहां से नहीं हटी. याची ने विवेचक के विधि विरुद्ध कृत्य की पूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा. कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने की छूट दी है, सुनवाई जारी है और 3 सितंबर को भी होगी.