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4 दिन तक युवक को मजिस्ट्रेट के सामने नहीं किया पेश, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार दिन से थाने में बंद युवक को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत नहीं करने पर सरकार से दो दिन के भीतर जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 11, 2021, 10:32 PM IST

प्रयागराज: जनपद के कैंट थाने में अवैध रूप से बंद धूमनगंज के राज केसरवानी की मां की फरियाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्पेशल पीठ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की रविवार को सुनवाई की. अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि 30 जून को सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस के सिलसिले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसओजी ने युवक को गिरफ्तार किया है. रविवार 11 जुलाई को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है.

इस पर कोर्ट ने कहा प्रथम दृष्टया अवैध निरूद्धि नहीं लगती है. राज्य सरकार से दो दिन में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति समिति गोपाल की विशेष खंडपीठ ने सुमन केशवानी की पत्र बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

याची अधिवक्ता ॠतेश श्रीवास्तव का कहना है कि 7 जुलाई को याची का 8 बजे शाम दरवाजे से अपहरण कर लिया गया. धूमनगंज थानाध्यक्ष से मां ने फरियाद की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 8 जुलाई को पता चला कि युवक को कैंट थाने के टॉर्चर रूम में रखा गया है. लेकिन कैंट थाने ने कोई जवाब नहीं दिया कि मजिस्ट्रेट के सामने क्यों पेश नहीं कर रहे हैं. 10 जुलाई को पुलिस को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की मांग भी की गई. 112 पर पुलिस को डायल किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी ने स्पेशल पीठ गठित की. पत्र याचिका सरकारी अधिवक्ता को दी गयी थी. रविवार को विशेष खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई की.

प्रयागराज: जनपद के कैंट थाने में अवैध रूप से बंद धूमनगंज के राज केसरवानी की मां की फरियाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्पेशल पीठ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की रविवार को सुनवाई की. अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि 30 जून को सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस के सिलसिले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसओजी ने युवक को गिरफ्तार किया है. रविवार 11 जुलाई को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है.

इस पर कोर्ट ने कहा प्रथम दृष्टया अवैध निरूद्धि नहीं लगती है. राज्य सरकार से दो दिन में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति समिति गोपाल की विशेष खंडपीठ ने सुमन केशवानी की पत्र बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

याची अधिवक्ता ॠतेश श्रीवास्तव का कहना है कि 7 जुलाई को याची का 8 बजे शाम दरवाजे से अपहरण कर लिया गया. धूमनगंज थानाध्यक्ष से मां ने फरियाद की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 8 जुलाई को पता चला कि युवक को कैंट थाने के टॉर्चर रूम में रखा गया है. लेकिन कैंट थाने ने कोई जवाब नहीं दिया कि मजिस्ट्रेट के सामने क्यों पेश नहीं कर रहे हैं. 10 जुलाई को पुलिस को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की मांग भी की गई. 112 पर पुलिस को डायल किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी ने स्पेशल पीठ गठित की. पत्र याचिका सरकारी अधिवक्ता को दी गयी थी. रविवार को विशेष खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई की.

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