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इलाहाबाद कोर्ट का फरमान, अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण की याचिका पर मांगा जबाव

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Published : Nov 7, 2019, 4:58 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक बिल्डर्स के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक बिल्डर्स के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने धर्मेंद्र सिंह सेंगर की याचिका पर दिया है. प्राधिकरण ने 844 फ्लैट बनाने की मंजूरी दी थी, किन्तु 1060 फ्लैट बना लिए गए है. अवैध रूप से बने फ्लैट ध्वस्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि फ्लैट ध्वस्त करने से आवंटियों को भारी नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ें- चिन्मयानंद प्रकरण: कल हाईकोर्ट में एसआईटी पेश करेगी चार्जशीट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के नेहरू नगर में निर्माणाधीन सेलेब्रेशन सिटी को लोन देने वाली साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ रुपये की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने गाजियाबाद के डीएम, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार सदर को नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश जैन की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है. इस पर कोर्ट ने याची से वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिका लंबित रहने तक याची देश छोड़कर नहीं जाएगा.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक बिल्डर्स के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने धर्मेंद्र सिंह सेंगर की याचिका पर दिया है. प्राधिकरण ने 844 फ्लैट बनाने की मंजूरी दी थी, किन्तु 1060 फ्लैट बना लिए गए है. अवैध रूप से बने फ्लैट ध्वस्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि फ्लैट ध्वस्त करने से आवंटियों को भारी नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ें- चिन्मयानंद प्रकरण: कल हाईकोर्ट में एसआईटी पेश करेगी चार्जशीट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के नेहरू नगर में निर्माणाधीन सेलेब्रेशन सिटी को लोन देने वाली साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ रुपये की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने गाजियाबाद के डीएम, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार सदर को नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश जैन की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है. इस पर कोर्ट ने याची से वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिका लंबित रहने तक याची देश छोड़कर नहीं जाएगा.

[06/11, 20:40] कृष्ण जी शुक्ल: प्रयागराज 6 नवम्बर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक बिल्डर्स के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार व् अन्य विपक्षियो से जवाब मांगा है।और इस दौरान तीसरे पक्ष का अधिकार सृजित करने की दशा में कहा है कि यह याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगा।याचिका की सुनवाई 12 दिसम्बर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने धर्मेंद्र सिंह सेंगर की याचिका पर दिया है।प्राधिकरण ने 844 फ़्लैट बनाने की मंजूरी दी थी किन्तु 1060 फ़्लैट बना लिए गए है ।अवैध रूप से बने फ़्लैट ध्वस्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी गयी है।याची का कहना है कि फ़्लैट ध्वस्त करने से आवंटियों को भारी नुकसान होगा।कोर्ट ने सुपर टेक को याचिकाकी जानकारी फ़्लैट खरीदारों को देने तथा याची को सूचना अख़बार में प्रकाशित करने को कहा है।
[06/11, 20:45] कृष्ण जी शुक्ल: प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के नेहरू नगर में निर्माणाधीन सेलेब्रेशन सिटी को लोन देने वाली साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ रुपये की वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने गाजियाबाद के डीएम, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार सदर को नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इन अफसरों से पूछा है कि  आरसी या साइटेशन के बगैर याची को किस आधार पर जेल में निरुद्ध रखा गया। साथ ही जिला प्रशासन को याची से वसूली गई रकम फिक्स डिप़ॉजिट करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश जैन की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है। इस पर कोर्ट ने याची से वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका लंबित रहने तक याची देश छोड़कर नहीं जाएगा। मामले के तथ्यों के अनुसार साक्षी फिनकैप ने याची की कंपनी को जीडीए की संस्तुति पर सेलेब्रेशन सिटी के लिए 27 करोड़ और 40 करोड़ का लोन दिया था। इसके एवज में सेलेब्रेशन सिटी से जुड़ी 11 कंपनियों के शेकर कंपनी के पास गिरवी रखे गए। दोबारा 40 करोड़ रुपये के लोन के लिए कंपनी की संपत्ति बंधक रखी गई। कंपनी की संपत्ति बंधक रखने के बाद कंपनियों के शेयर वापस कर दिए गए। उधर, जीडीए ने सेलेब्रेशन सिटी पर 147 रोड़ की वसूली जारी की, जिसके भुगतान के लिए उसने याची से लोन लिया था। लोन की रकम से भी वसूली पूरी नहीं हुई तो डीएम ने याची को इस आधार पर गिरफ्तार करा दिया कि जिसके पास कंपनी के शेयर हैं, वही मालिक माना जाएगा।
 अनूप त्रिवेदी ने तर्क दिया कि शेयर होल्डर से वसूली नहीं की जा सकती और फिर उसने को संपत्ति बंधक रखने के बाद शेयर भी लौटा दिए थे। याची को वसूली मामले में व्यवहारिक कैद में रखना चाहिए लेकिन उन्हें डासना जेल भेज दिया गया। जबकि जिन तहसीलों में व्यवहारिक हवालात नहीं है, वहां वसूली मामले में पकड़े गए व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जा सकता। यही नहीं अधिकारियों ने याची को धमकाया और उनसे जबरन छह करोड़ के चेक व ड्राफ्ट ले लिए। कोर्ट के पूछने पर बताया गया कि याची के विरुद्ध कोई साइटेशन या आरसी जारी नहीं हुई है।
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