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सहायक अध्यापक भर्ती: गृह जनपद में नियुक्ति मामले पर कोर्ट ने सरकार और बोर्ड से जवाब मांगा, 6 सप्ताह का दिया समय - इलाहाबाद हाईकोर्ट

सहायक अध्यापक भर्ती के तहत कम अंक वालाें को गृह जनपद में नियुक्ति के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नियुक्ति बोर्ड से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने मऊ की याचिकाकर्ता के मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है.

सहायक अध्यापक भर्ती
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Published : Jun 15, 2022, 12:32 PM IST

प्रयागराज: 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत कम अंक वालाें को गृह जनपद में नियुक्ति के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नियुक्ति बोर्ड से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है. मऊ के आवेदक ने याचिका में कहा कि कम क्वालिटी प्वाइंट अंक पाने वाले सफल अभ्यर्थियों को गृह जनपद आवंटित किया गया, जबकि अधिक अंक के बावजूद याची को दूसरे जिले में नियुक्ति दी गई. याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार और बोर्ड से कहा है कि यदि जवाब नहीं दाखिल किया तो अगली सुनवाई की तिथि 20 जुलाई को कोर्ट में हाजिर हों.

मऊ निवासी अभिलाषा की याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि सहायक अध्यापक भर्ती में याची सहित 41556 अभ्यर्थियो को सफल घोषित किया गया था. याची को 63.104 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए. नियुक्ति के लिए याची ने अपने गृह जनपद को वरीयता दी थी. लेकिन उसे सिद्धार्थ नगर जिला आवंटित किया गया.

याची अभिलाषा ने तय समय पर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है. जबकि उससे कम अंक प्राप्त करने वाले लोगों को मऊ गृह जनपद में नियुक्ति दी गई है. जो सरकार की नीति के खिलाफ है. कोर्ट ने विपक्षी को विचार करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

अब कोर्ट ने विपक्षियों राज्य सरकार और नियुक्ति बोर्ड को 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जवाब नहीं दिया तो कोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि 20 जुलाई को हाजिर हों.

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प्रयागराज: 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत कम अंक वालाें को गृह जनपद में नियुक्ति के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नियुक्ति बोर्ड से 6 सप्ताह में जवाब तलब किया है. मऊ के आवेदक ने याचिका में कहा कि कम क्वालिटी प्वाइंट अंक पाने वाले सफल अभ्यर्थियों को गृह जनपद आवंटित किया गया, जबकि अधिक अंक के बावजूद याची को दूसरे जिले में नियुक्ति दी गई. याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार और बोर्ड से कहा है कि यदि जवाब नहीं दाखिल किया तो अगली सुनवाई की तिथि 20 जुलाई को कोर्ट में हाजिर हों.

मऊ निवासी अभिलाषा की याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि सहायक अध्यापक भर्ती में याची सहित 41556 अभ्यर्थियो को सफल घोषित किया गया था. याची को 63.104 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए. नियुक्ति के लिए याची ने अपने गृह जनपद को वरीयता दी थी. लेकिन उसे सिद्धार्थ नगर जिला आवंटित किया गया.

याची अभिलाषा ने तय समय पर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है. जबकि उससे कम अंक प्राप्त करने वाले लोगों को मऊ गृह जनपद में नियुक्ति दी गई है. जो सरकार की नीति के खिलाफ है. कोर्ट ने विपक्षी को विचार करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

अब कोर्ट ने विपक्षियों राज्य सरकार और नियुक्ति बोर्ड को 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जवाब नहीं दिया तो कोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि 20 जुलाई को हाजिर हों.

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