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डीआईजी जेल लखनऊ से हाईकोर्ट ने मांगा अनुपालन हलफनामा - हाईकोर्ट बार एसोसिएशन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने डीआईजी जेल लखनऊ से अनुपालन हलफनामा तलब किया है. वहीं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर वसूली की वैधता चुनौती याचिका पर सुनवाई के लिए 16 अगस्त का समय दिया.

हाईकोर्ट
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Published : Jul 29, 2021, 6:05 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय डी आई जी जेल लखनऊ और अनीता दुबे जेल अधीक्षक सहारनपुर के खिलाफ अवमानना याचिका पर सरकारी वकील से जानकारी मांगी है. इसके साख ही सुनवाई करते हुए विपक्षियों से 24 अगस्त तक अनुपालन हलफनामा भी मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने ठाकुर सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की. धनंजय कुमार मिश्र ने बताया कि याची हेड जेल वार्डन पद से सेवानिवृत्त हुआ. गलत वेतन भुगतान कर उसकी ग्रेच्युटी से कटौती की गई. हाईकोर्ट ने इसे गलत माना और उस पर रोक लगा दी. जिसकी अवहेलना करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर वसूली की वैधता चुनौती याचिका पर सुनवाई 16 अगस्त को

एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आयकर विभाग के जवाबी हलफनामे का याची को प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. इसके लिए कोर्ट ने समय दिया है. दरअसल, आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए कर निर्धारण करते हुए बार एसोसिएशन के खाते से 40 लाख रुपये की कटौती की गई है. इसे दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है. बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं आता, क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी हित के लिए काम करती है.

बार एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई है, जिनके आश्रितों को बार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. बीमार वकीलों को भी आर्थिक मदद दी गई है. बार एसोसिएशन फंड से लाभ अर्जित नहीं करती. ऐसे में आयकर वसूली गलत है. बार एसोसिएशन ने पैसा वापस करने की मांग भी की है.

इस मामने में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूली की वैधता चुनौती याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख दी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय डी आई जी जेल लखनऊ और अनीता दुबे जेल अधीक्षक सहारनपुर के खिलाफ अवमानना याचिका पर सरकारी वकील से जानकारी मांगी है. इसके साख ही सुनवाई करते हुए विपक्षियों से 24 अगस्त तक अनुपालन हलफनामा भी मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने ठाकुर सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की. धनंजय कुमार मिश्र ने बताया कि याची हेड जेल वार्डन पद से सेवानिवृत्त हुआ. गलत वेतन भुगतान कर उसकी ग्रेच्युटी से कटौती की गई. हाईकोर्ट ने इसे गलत माना और उस पर रोक लगा दी. जिसकी अवहेलना करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर वसूली की वैधता चुनौती याचिका पर सुनवाई 16 अगस्त को

एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आयकर विभाग के जवाबी हलफनामे का याची को प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. इसके लिए कोर्ट ने समय दिया है. दरअसल, आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए कर निर्धारण करते हुए बार एसोसिएशन के खाते से 40 लाख रुपये की कटौती की गई है. इसे दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है. बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं आता, क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी हित के लिए काम करती है.

बार एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई है, जिनके आश्रितों को बार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. बीमार वकीलों को भी आर्थिक मदद दी गई है. बार एसोसिएशन फंड से लाभ अर्जित नहीं करती. ऐसे में आयकर वसूली गलत है. बार एसोसिएशन ने पैसा वापस करने की मांग भी की है.

इस मामने में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूली की वैधता चुनौती याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख दी है.

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