ETV Bharat / state

हाईकोर्ट की टिप्पणी, विवाहित पुत्री भी परिवार की परिभाषा में आती है

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि विवाहित पुत्री भी परिवार की परिभाषा में आती है. इस आधार पर मृतक आश्रित कोटे के तहत पिता की जगह विवाहित पुत्री को नौकरी दी जानी चाहिए.

Etv Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Dec 5, 2022, 10:46 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवार की परिभाषा में शादीशुदा पुत्री को शामिल नहीं करने के मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि विवाहित पुत्री भी परिवार की परिभाषा में आती है. इस आधार पर मृतक आश्रित कोटे के तहत पिता की जगह विवाहित पुत्री को नौकरी दी जानी चाहिए.

कोर्ट ने यह आदेश मेरठ स्थित 119-जे ब्लॉक कॉलोनी खजुरी, दरवाजा परीक्षितगढ़ की अरुणा की याचिका पर दिया है.अरुणा ने सीएमओ मेरठ के 11 दिसंबर 2018 के आदेश को याचिका में चुनौती दी थी. इस आदेश में सीएमओ ने मृतक आश्रित कोटे में पिता की जगह नौकरी के अरुणा के आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि वह शादीशुदा है और परिवार की परिभाषा में नहीं आती है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवार की परिभाषा में शादीशुदा पुत्री को शामिल नहीं करने के मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि विवाहित पुत्री भी परिवार की परिभाषा में आती है. इस आधार पर मृतक आश्रित कोटे के तहत पिता की जगह विवाहित पुत्री को नौकरी दी जानी चाहिए.

कोर्ट ने यह आदेश मेरठ स्थित 119-जे ब्लॉक कॉलोनी खजुरी, दरवाजा परीक्षितगढ़ की अरुणा की याचिका पर दिया है.अरुणा ने सीएमओ मेरठ के 11 दिसंबर 2018 के आदेश को याचिका में चुनौती दी थी. इस आदेश में सीएमओ ने मृतक आश्रित कोटे में पिता की जगह नौकरी के अरुणा के आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि वह शादीशुदा है और परिवार की परिभाषा में नहीं आती है.

इसे भी पढ़ें-राहुल गांधी पर FIR दर्ज करने की मांग, सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.