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मंडी स्थल दुकानों का टेंडर फिर से जारी करने के खिलाफ याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि टेंडर के तहत नीलामी में उच्चतम बोली लगाने भर से किसी को बोली स्वीकार किए जाने का विधिक अधिकार नहीं मिल जाता. बोली नीलामी शर्तों के अधीन होती है. अधिकारी मानने के लिए बाध्य नहीं हैं. पर्याप्त कारण होने पर वे नए सिरे से टेंडर जारी करने के लिए स्वतंत्र हैं.

allahabad high court
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 28, 2020, 10:49 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि टेण्डर के तहत नीलामी में उच्चतम बोली लगाने मात्र से किसी को बोली स्वीकार किये जाने का विधिक अधिकार नहीं मिल जाता. बोली नीलामी शर्तो के अधीन होती है. अधिकारी मानने के लिए बाध्य नहीं है. पर्याप्त कारण होने पर नये सिरे से टेण्डर जारी करने के लिए स्वतंत्र हैं.

याचिका खारिज
कोर्ट ने उच्चतम बोली के आधार पर टेण्डर मंजूर करने की मांग मे दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बब्लू की याचिका पर दिया है. गौरतलब है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति, बरौली आगरा ने मंडी स्थल पर बनी 43 दुकानों का टेण्डर मांगा, जिसमें से 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी.

कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार किया
आरक्षित दुकानों के लिए याची की कंपनी मेसर्स के जी एन ट्रेडिंग कंपनी सहित 5 लोगों ने ही टेंडर भरा. याची ने नीलामी में सर्वाधिक 16,15,000 रुपये की बोली लगाई. आवंटन समिति ने इस आधार पर मानने से इंकार कर दिया कि सामान्य दुकानों से काफी कम बोली लगी है. नीलामी में कम अभ्यर्थियों के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं दिखायी दी. समिति के सचिव ने नए सिरे से टेण्डर जारी करने का निर्देश दिया है, जिसे चुनौती दी गयी थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि टेण्डर के तहत नीलामी में उच्चतम बोली लगाने मात्र से किसी को बोली स्वीकार किये जाने का विधिक अधिकार नहीं मिल जाता. बोली नीलामी शर्तो के अधीन होती है. अधिकारी मानने के लिए बाध्य नहीं है. पर्याप्त कारण होने पर नये सिरे से टेण्डर जारी करने के लिए स्वतंत्र हैं.

याचिका खारिज
कोर्ट ने उच्चतम बोली के आधार पर टेण्डर मंजूर करने की मांग मे दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बब्लू की याचिका पर दिया है. गौरतलब है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति, बरौली आगरा ने मंडी स्थल पर बनी 43 दुकानों का टेण्डर मांगा, जिसमें से 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी.

कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार किया
आरक्षित दुकानों के लिए याची की कंपनी मेसर्स के जी एन ट्रेडिंग कंपनी सहित 5 लोगों ने ही टेंडर भरा. याची ने नीलामी में सर्वाधिक 16,15,000 रुपये की बोली लगाई. आवंटन समिति ने इस आधार पर मानने से इंकार कर दिया कि सामान्य दुकानों से काफी कम बोली लगी है. नीलामी में कम अभ्यर्थियों के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं दिखायी दी. समिति के सचिव ने नए सिरे से टेण्डर जारी करने का निर्देश दिया है, जिसे चुनौती दी गयी थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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